Dainik Bhaskar Jun 12, 2019, 09:30 AM ISTसुनाम (संगरूर), टिंका आनंद. गांव मंगवाल के गुरिन्द्र सिंह गिद्दी का फतेहवीर को निकालने में अहम भूमिका रही। 35 वर्षीय गुरिन्द्र ने बताया कि वह 1998 से सबमर्सीबल मोटर का काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 7 जून की सुबह ही अधिकारियों से कहा था कि वह यह काम दो घंटे में कर सकता है परन्तु अनदेखी की गई। गिद्दी ने बताया कि इसके बाद वह नये बोर की खुदाई करने में लगा रहा और साथ ही सीसीटीवी फुटेज पर भी नजर रखी। उसने देखा कि तेजी से नीचे गिरने से बच्चे के कपड़े और बोरी घुमाव के कारण गांठ बन चुके थे। मेरे दिमाग में था कि बच्चे को निकालने से पहले गांठ खोलना जरूरी था।10 जून की रात को जब 2:30 बजे अधिकारियों की मीटिंग चल रही थी तब डीसी संगरूर के गनमैन ने उसके बारे में बताया कि यही पिछले हफ्ते डीसी साहिब की कोठी में फंसी मोटर निकालकर गया था। उसने फिर अधिकारियों व मंत्री से बात की।इसके बाद साढ़े चार फुट की लोहे की छड़ के आगे एस टाइप की पत्ती लगाई। मोटर के ऊपर कसने वाली पाइप पहले से ही वहां थी। लगभग 2:45 पर वहीं औजार बनवाया गया। लगभग 4 बजे इस औजार के जरिये बोरवैल में उसने पहला ट्रायल किया तो बच्चे से लिपटी बोरी का कुछ हिस्सा हासिल हुआ। 4:15 बजे उसने फिर ट्रायल किया तो पूरी बोरी व रस्सी निकल आई। बोरी से इतनी बदबू आरही थी जो यह स्पष्ट कर रही थी कि फतेहवीर अब नहीं रहा। उसने बताया कि इस दौरान बच्चा 3 इंच और नीचे चला गया। इसके बाद बोरवेल के साथ एनडीआरएफ व पुलिस की मदद से एक घेरा बनाया गया पुराने बोरवेल से ऊपर खींच लिया गया।
Source: Dainik Bhaskar June 11, 2019 23:03 UTC