न्यूयॉर्क / चीन के वैज्ञानिक अमेरिका छोड़कर लौटने लगे, ताकि देश को विज्ञान का पॉवरहाउस बना सकें - News Summed Up

न्यूयॉर्क / चीन के वैज्ञानिक अमेरिका छोड़कर लौटने लगे, ताकि देश को विज्ञान का पॉवरहाउस बना सकें


चीन ने वैज्ञानिकों को ज्यादा सुविधाएं देने और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता का भरोसा दिलायामेरिका की ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, 16000 से ज्यादा प्रशिक्षित चीनी वैज्ञानिक देश लौट चुकेDainik Bhaskar Jan 02, 2020, 09:24 AM ISTन्यूयॉर्क. चीन के वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता देश को विज्ञान का पॉवरहाउस बनाने के लिए अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों से लौटने लगे हैं। अमेरिका की ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक, 16,000 से ज्यादा प्रशिक्षित चीनी वैज्ञानिक देश लौट चुके हैं।2017 में यह संख्या 4500 थी, जो 2010 की तुलना में दोगुनी रही। ऐसा इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि चीन ने अपने वैज्ञानिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहभागिता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। साथ ही भरोसा दिलाया है कि उन्हें सारी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी, जो विदेशों में मिलती हैं। एशिया से अमेरिका जाने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है। अमेरिका के 29.60 लाख एशियाई वैज्ञानिकों-इंजीनियरों में 9.50 लाख भारतीय हैं।'चीन की प्रतिभाओं का लगातार इस तरह जाना चिंताजनक है'ओहियो यूनिवर्सिटी के जॉन ग्लेन कॉलेज ऑफ पब्लिक अफेयर्स की एसोसिएट प्रोफेसर कैरोलिन वैगनर के मुताबिक, चीन की प्रतिभाओं का लगातार इस तरह जाना चिंताजनक है। हमें पलायन रोकने की हरसंभव कोशिश करनी होगी। अगर हम यह आकर्षण भी खो देते हैं, तो यह अमेरिकी वैज्ञानिक प्रणाली पर गंभीर असर डालेगी। चीन ने विज्ञान के कई क्षेत्रों में महारत हासिल कर ली है। खासकर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मैटेरियल साइंस में दुनियाभर में उसका कोई सानी नहीं है।’ ज्यादातर चीनी वैज्ञानिक यूरोप से लौटना चाहते हैं न कि अमेरिका से। चीन ने अपने वैज्ञानिकों को वापस बुलाने के लिए जो प्रोग्राम तैयार किया है, उसका अमेरिका में उच्च स्तर पर काम करने वाले वैज्ञानिकों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन के मुताबिक, 2016 में सबसे ज्यादा साइंस जरनल चीन के वैज्ञानिकों के प्रकाशित हुए।चीन ने रिसर्च पर 10 गुना बजट बढ़ाया, फिर भी अमेरिका से कमजानकारों का मानना है कि चीनी वैज्ञानिकों के लौटने के पीछे बजट बड़ा कारण हैं। चीन सरकार ने रिसर्च पर 10 गुना बजट बढ़ा दिया है। चीन ने रिसर्च पर 2019 में 3,75,000 करोड़ रुपए खर्च किए। हालांकि, अमेरिका की तुलना में यह रकम बहुत कम है।


Source: Dainik Bhaskar January 02, 2020 00:45 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...