नेविगेशन ऐप ‘नेवकाग’ के ऑडियो संदेश के जरिये एयरपोर्ट पर बेफिक्र घूम सकेंगे दृष्टिबाधित लोग - News Summed Up

नेविगेशन ऐप ‘नेवकाग’ के ऑडियो संदेश के जरिये एयरपोर्ट पर बेफिक्र घूम सकेंगे दृष्टिबाधित लोग


वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सूटकेस विकसित किया है जो दृष्टिबाधित लोगों के सामने आने वाले खतरे के प्रति उन्हें आगाह करेंगे। एक स्मार्ट ऐप के मदद से दृष्टि बाधित लोग एयरपोर्ट टर्मिनल पर सुरक्षित और बिना किसी की सहायता के घूम-फिर सकेंगे। इस सूटकेस को अमेरिका की कार्नेगी यूनिवर्सिटी (सीएमयू) और आइएमबी ने मिल कर बनाया है। ‘नेवकाग’ नामक नेविगेशन ऐप से मिलने वाले ऑडियो निर्देशों के अनुसार, अब लोग किसी भी रेस्तरां, ऑफिस के गेट तक बिना किसी रुकावट के सहज रूप से पहुंच जाएंगे।शोधकर्ताओं के मुताबिक, रास्ते में आने वाली रुकावट से पहले ‘बीबीप’ नामक घूमने वाला यह सूटकेस अलॉर्म बजाकर उसके प्रयोग कर्ता को आगाह कर देता। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिका के पिट्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हुए प्रयोगात्मक अध्ययन में दोनों ही डिवाइस खरी उतरी हैं। सीएमयू के प्रोफेसर और आइएमबी के रिसर्च फैलो चीको असकावा ने कहा ‘हालांकि, एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर दृष्टिबाधित लोगों की सहायता के लिए कर्मचारी मौजूद रहते हैं। पर फिर भी ऐसे लोगों के लिए वहां चलना-फिरना किसी चुनौती से कम नहीं होता। वह बिना किसी सहायता के अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सकते। ऐसे में उनके लिए किए सुधार के प्रयास कारगर सिद्ध हो सकते हैं और लोग स्वयं ही चल-फिर सकते हैं।’एयरपोर्ट की बढ़ती संख्या को देखते हुए वहां ब्लूटूथ ‘बीकान’ स्थापित किये जा रहे हैं। जिनका उपयोग इंडोर नेविगेशन के लिए किया जा सकता है। क्रिस कितानी ने कहा, ‘ हालांकि बीकान जैसी तकनीक को दृष्टिबाधित लोगों के सेवा के लिए ही लगाया जाता है, पर यह उनके लिए कारगर नहीं है लेकिन, ‘नेवकाग’ के जरिये लोगों बीकान का प्रयोग करने में काफी सहूलियत होती। इसके जरिये दृष्टिबाधित लोग स्वतंत्र रूप से किसी भी शॉपिंग माल, कैंपस में घूम सकते हैं।शोधकर्ताओं ने बताया, ‘इस परियोजना के तहत एयरपोर्ट में सौ ब्लूटूथ बीकान स्थापित किए गए हैं। नेवकाग ऐप उसके उपयोगकर्ता को ऑडियो संदेश के जरिये उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस ऐप का दस दृष्टिबाधित लोगों द्वारा सफल परीक्षण भी किया गया।’ भविष्य में तकनीक को यदि और आधुनिक किया गया तो यह सार्वजनिक स्थानों पर घूमने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी होगी। शोधकर्ताओं ने इस दौरान यह पाया कि ऐप की मदद से ज्यादातर लोग केवल तीन मिनट में ही टिकट काउंटर पहुंचे। गेट से रेस्टरूम तक जाने में उन्हें 6 मिनट लगे और गेट से रेस्तरां जाने में चार मिनट का समय लगा।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एपPosted By: Sanjay Pokhriyal


Source: Dainik Jagran May 09, 2019 05:03 UTC



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