Hindi NewsLocalDelhi ncrFaridabadCountry's Youngest And Weight Girl Reached Home From Hospital After Beating Coronaनन्हीं कोरोना वारियर्स को सलाम: देश की सबसे कम उम्र व वजन की बच्ची कोरोना को मात देकर अस्पताल से पहुंची घरफरीदाबाद 7 घंटे पहलेकॉपी लिंकफरीदाबाद। मां अंकिता की गोद में बच्ची।मां कोरोना संक्रमित थी। इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्ची का सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जो कोरोना पॉजिटिव आया।फरीदाबाद के एक अस्पताल में पैदा होने के 31 दिन तक इलाज के बाद बच्ची वीरा कोरोना को हराकर घर पहुंच गई। अस्पताल का दावा है कि यह देश में कोरोना से संक्रमित होने वाली सबसे कम उम्र व सबसे कम वजन की बच्ची थी। डॉक्टरों के अनुसार 1 मई को मां अंकिता को कोविड संक्रमण के बाद गंभीर हालत में सर्वोदय हॉस्पिटल के ICU में भर्ती किया गया। उनकी 31 सप्ताह की प्रेगनेंसी के बाद सिजेरियन डिलीवरी से बच्ची का जन्म हुआ। इस दौरान बच्ची 1.29 किलोग्राम की थी। चूंकि मां कोरोना संक्रमित थी। इसलिए तुरंत बच्ची का RTPCR टेस्ट किया गया।जन्म के अगले दिन बच्ची को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिवचाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सुशील सिंगला के अनुसार प्री मैच्युर डिलीवरी के कारण बच्ची की हालत गंभीर थी। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी। उसके फेफड़े भी सिकुड़े हुए थे। इसके लिए भी उसका इलाज शुरू किया गया। अगले दिन बच्ची की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। हालांकि इस दौरान तक बच्ची की हालत में थोड़ा सुधार था। इसलिए जन्म के चौथे दिन उसे वेंटिलेटर से HFNC पर शिफ्ट कर दिया गया।चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. मोहितेश श्रीवास्तव के अनुसार इलाज के दौरान बच्चे के फेफड़ों में निमोथोरासिक (फेफड़े में छेद होने के बाद एयर का लीक होना) की भी समस्या हो गई। इसका भी इलाज शुरू किया गया। जन्म के 5 दिन बाद बच्ची सांस लेने में सक्षम हो गई। इसलिए उसका ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया गया। धीरे-धीरे बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। उसका वजन भी बढ़ने लगा।जन्म के 31 दिन बाद बच्ची डिस्चार्ज होकर पहुंची घरजन्म के 31 दिन बाद बच्ची का वजन 1.83 किलोग्राम हो गया और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार कोरोना ने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया। लेकिन इस प्रकार के इलाज का सफल होना यकीनन कोरोना बीमारी पर बढ़ रही हमारी मेडिकल समझ को दर्शाता है। हम इस केस को संबंधित विभाग में बतौर रिकॉर्ड दर्ज कराने की कोशिश शुरू कर चुके हैं।
Source: Dainik Bhaskar June 07, 2021 08:47 UTC