Hindi NewsLocalMpJabalpurThe Team Could Not Get The Secret Of Mobile In Five day Remand, The Accused Of Gujarat Will Be Brought By June 10Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपनकली रेमडेसिविर का बिल मिला, मोबाइल नहीं: 5 दिन की रिमांड में मोबाइल का राज नहीं उगलवा पाई टीम, 10 जून तक लाए जाएंगे गुजरात के आरोपीजबलपुर 8 घंटे पहलेकॉपी लिंकमोखा को जेल ले जाते समय की तस्वीर।सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा का मोबाइल राज ही रहा। 5 दिन की रिमांड में एसआईटी उसके मोबाइल का पता नहीं लगा पाई। मोखा के अस्पताल से जरूर टीम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का बिल प्राप्त करने में सफल रही। डायमंड कंपनी के नाम का ये बिल सपन जैन ने दिया था। इसका भुगतान भी सपन ने इंदौर में एमआर राकेश शर्मा के माध्यम से रीवा निवासी बिचौलिए सुनील मिश्रा को कर दी थी।एसआईटी द्वारा मोखा से पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में सोमवार को ही पेश किया था, जहां से उसे जेल भेजा जा चुका है। मोखा की जमानत अर्जी की याचिका प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी वंदना सेानी की अदालत में लगा था, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर जेल भेज दिया।एसआईटी की पूछताछ में सामने आया कि सुनील मिश्रा ने इंदौर व जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने के बाद डायमंड एजेंसी का बिल दिया था। सुनील डीमार्ट नाम से ऑनलाइन नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने का सौदा करता था। विजय नगर के दवा कारोबारी से उसका ऑनलाइन ही संपर्क हुआ था, लेकिन एक नंबर का बिल न देने की वजह से उसका सौदा नहीं हो पाया था। बाद में सुनील का नंबर सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश को मिला था। फिर देवेश व मोखा से ये नंबर सपन को मिला था।गिरफ्तारी के वक्त मोबाइल न जब्त करने पर सवालएसआईटी ने सरबजीत मोखा को गिरफ्तार करते समय मोबाइल नहीं जब्त करने पर भी सवाल उठाया जा रहा है। तब मोखा के पास ही मोबाइल था। अगले दिन टीम मोबाइल जब्त करने पहुंची तो नहीं मिला। पत्नी सिमरत कौर ने तब बताया था कि बेटे के पास होगा। हरकरण दबोचा गया तो वह भी मोबाइल के बारे में नहीं बता पाया। मोखा को पांच दिन की रिमांड पर लिया गया तो वह भी मोबाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका।गुजरात से लाए जाएंगे आरोपीएसआईटी टीम अब गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आ चुके सपन जैन, सुनील मिश्रा, कौशल वोहरा व पुनीत शाह को पूछताछ के लिए जबलपुर लेकर आएगी। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक 5 जून तक इंदौर पुलिस आरोपियों को गुजरात ले जाएगी। इसके बाद एक टीम जबलपुर से आरोपियों को लाने गुजरात जाएगी। चारों आरोपियों को शहर लाने के बाद एक बार फिर मोखा व देवेश को रिमांड पर लिया जा सकता है।नकली रेमडेसिविर में दर्ज हो 171 एफआईआरनकली रेमडेसिविर मामले में हत्या सहित अन्य धाराएं बढ़ाने के साथ 171 अलग-अलग एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय वर्मा ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को इस आशय का आवेदन सौंपा है। आवेदन पत्र में हवाला दिया है कि न्यायालय के 24 मई 2021 के निर्देश के प्ररिप्रेक्ष्य में उक्त प्रकरण में धारा 302, 307 व ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 17, 17 (अ), (ब) लगाई जाए। न्यायालय ने नकली रेमडेसिविर मामले में निर्देशित किया था कि पुलिस साक्ष्यों के आधार पर चालान दायर करें।आवेदन में कहा गया है कि विवेचना में यह पाया गया है कि 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन 171 व्यक्तियों को लगाई गई। इसमें 9 लोगों की मौत हो चुकी है। आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307 व ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940 का भी आरोप बनता है। उक्त धारा में नकली दवा के शिकार लोगों या उनके परिजनों को 10 लाख रुपए प्रतिकार मिलेगा। 171 एफआईआर के साथ ही इतने ही आरोप पत्र न्यायालय में दायर होने चाहिए।
Source: Dainik Bhaskar June 01, 2021 05:51 UTC