नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकारी की ओर से जारी नए निगरानी नियमों पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। विपक्षी दलों के बाद अब भाजपा के सहयोगी दल भी इस फैसले पर उंगली उठाने लगे हैं। महाराष्ट्र सरकार में भागीदार और केंद्र में एनडीए के घटक दल शिवसेना ने इस सर्कुलर पर आपत्ति जताई और कहा कि सरकार को सीधे तौर पर आपातकाल घोषित कर देना चाहिए।शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने कहा, 'ऐसे नोटिफिकेशन जारी करने की बजाए मोदी जी को देश में आधिकारिक रूप से आपातकाल घोषित कर देना चाहिए।' कायंदे से गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। बता दें कि इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी कानून के बने नियमों के तहत डाटा निगरानी के गृह मंत्रालय ने नए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत 10 खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर की निगरानी का सीमित अधिकार दिया गया है। इसमें किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज सारा डाटा जुटाने, उन पर नजर रखने और उन्हें डिक्रिप्ट करने का अधिकार शामिल है।ये एजेंसियां रखेंगी नजरखुफिया ब्यूरो (आइबी); नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी); प्रवर्तन निदेशालय (ईडी); केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी); राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ); केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ); राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए); रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ); जम्मू-कश्मीर, असम और पूवरेत्तर में कार्यरत सिगनल गुप्तचर महानिदेशालय और दिल्ली पुलिस को ही किसी की कंप्यूटर की निगरानी का अधिकार होगाशुक्रवार को दिनभर रहा हंगामाइसी नोटिफिकेशन पर शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की। लोकसभा में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ। दिनभर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच आरोप और सफाई देने का दौर चला। बाद में खुद गृह मंत्रालय की ओर से भी इस नोटिफिकेशन को लेकर स्पष्टीकरण जारी हुआ।गृह मंत्रालय ने पेश की सफाईगृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, आइटी कानून 2000 और 2009 में विशेष परिस्थितियों में जांच व सुरक्षा एजेंसियों को लोगों के निजी कंप्यूटर नेटवर्क की निगरानी का अधिकार दिया गया है। यह निगरानी गृह सचिव की अनुमति से ही की जा सकती है। यह आशंका निराधार है कि एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर की निगरानी का असीमित अधिकार दे दिया गया है। राज्यों में एजेंसियों को मुख्य सचिव की अनुमति से निगरानी का अधिकार पहले से है। साइबर सुरक्षा विभाग ने देश में आतंकवाद और साइबर अपराध के विश्लेषण के बाद निगरानी तंत्र को सुचारू करने की जरूरत महसूस की और 10 एजेंसियों को चिह्नित किया है।Posted By: Vikas Jangra
Source: Dainik Jagran December 22, 2018 05:20 UTC