नए एक्सचेंज की दस्तक: अब शेयरों की तरह स्पाट गोल्ड में भी कर सकेंगे कारोबार, सेबी ने मांगी है लोगों की राय - News Summed Up

नए एक्सचेंज की दस्तक: अब शेयरों की तरह स्पाट गोल्ड में भी कर सकेंगे कारोबार, सेबी ने मांगी है लोगों की राय


Hindi NewsBusinessGold Trading Update; Market Regulator SEBI On Spot Gold ExchangeAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपनए एक्सचेंज की दस्तक: अब शेयरों की तरह स्पाट गोल्ड में भी कर सकेंगे कारोबार, सेबी ने मांगी है लोगों की रायशेयर बाजार की तरह इसका सेटलमेंट होगा जो कारोबारी दिन के एक दिन बाद होगादुनिया में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा सोने की खपत वाला देश हैभारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्पाट गोल्ड एक्सचेंज को लांच करने की तैयारी की है। इसके लिए उसने इससे संबंधित सभी लोगों से इस पर राय मांगी है। इस स्पाट गोल्ड एक्सचेंज में रिटेल निवेशक, बैंक, विदेशी निवेशक और ज्वेलर्स के साथ अन्य सभी लोग कारोबार कर सकेंगे।सिक्योरिटीज के रूप में नोटिफाइ किया गया हैइसमें नए इंस्ट्रूमेंट इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट (EGR) के जरिए कारोबार किया जा सकेगा। इसे सिक्योरिटीज के रूप में नोटिफाइ किया गया है। इसका सेटल T+1 यानी कारोबार के एक दिन बाद होगा। यह सेटल उसी तरह होगा जैसे शेयरों में होता है। सेबी ने इस संबंध में सोमवार को एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया, जिसमें उसने राय मांगी है। सेबी ने कहा कि इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों से गोल्डे मार्केट में तमाम मुद्दों पर 18 जून तक राय मांगी गई है।इसमें EGR कारोबार से संबंधित मुद्दों, सेटलमेंट, टैक्सेशन और वाल्ट मैनेजर्स के रेगुलेशन को शामिल किया गया है। यही लोग EGR जारी करेंगे।प्राइस को सेट करने की योजनाभारत में गोल्ड एक्सचेंज को शुरू करने के पीछे उद्देश्य यह है कि प्राइस को सेट किया जाए। जबकि अभी तक भारत प्राइस टेकर के रूप में यह है। साथ ही इसके जरिए स्वदेशी गोल्ड डिलिवरी स्टैंडर्ड को स्थापित किया जाए जो लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त गोल्ड बार्स के समान है। अभी तक सोने की खपत में भारत दूसरे नंबर पर है। चीन पहले नंबर पर है। पर वैश्विक बाजारों में अभी भी भारत एक प्राइस टेकर के रूप में है।ट्रांसपरेंसी बढ़ने की उम्मीदप्रस्तावित गोल्ड एक्सचेंज से सोने के लेन-देन में एक तो ट्रांसपरेंसी बढ़ेगी और दूसरे आगे चलकर भारत कमोडिटी की कीमतों को सेट करने में शामिल हो सकता है। सेबी ने मान्यताप्राप्त या नए एक्सचेंज पर गोल्ड कारोबार के वैल्यूएशन मैकेनिज्म को स्थापित करने के लिए दो वर्किंग ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप ने 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी थी।तीन चरणों में इसे बांटा गया हैयह कारोबार तीन चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में अगर कोई कंपनी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर गोल्ड डिलिवरी की इच्छुक है जो लोकल मैन्यूफैक्चरिंग करती है या इंपोर्टेड है तो उसे सेबी रेगुलेटेड वाल्ट मैनेजर के पास जाना होगा और उसे फिजिकल गोल्ड जमा कराना होगा जो क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पैरामीटर्स पर सही बैठता हो। दूसरे चरण में इसके एवज में वाल्ट मैनेजर EGR जारी करेगा जो एक्सचेंज पर ट्रेड करने के लिए होगा।मालिक EGR को वाल्ट मैनेजर को देगाजो भी इसका बेनिफिशियल मालिक होगा, वह EGR को वाल्ट मैनेजर को देगा और तीसरे चरण में वह सोने की डिलिवरी लेगा। इसके लिए एक कॉमन इंटरफेस को डेवलप किया जाएगा जो वाल्ट मैनेजर्स, डिपॉजिटरीज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और स्टॉक एक्सचेंज के बीच होगा। यह तीनों चरण में जो भी कारोबार होगा, उसे आसान बनाएगा। इसमें एक ISIN कोड जारी होगा। यह कोड जारी होने के बाद EGR एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए तैयार हो जाएगाकई साइज में होगा मूल्यइलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट्स (EGR) के तहत सोने का विभिन्न प्रस्तावित मूल्य जैसे एक किलोग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम का होगा और कुछ शर्तों के साथ इन्हें पांच और 10 ग्राम में भी रखा जा सकेगा। दूसरे चरण में EGR की सूचना डिपॉजटरी से मिलने के बाद एक्सचेंज पर लिस्टिंग फिर ट्रेडिंग क्लीयरिंग कॉरपोरेशन, एक्सचेंज पर ट्रेड हुए EGR का शेयरों की तरह सेटलमेंट किया जाएगा।फिजिकल गोल्ड चाहिए तो EGR को वॉल्ट में सरेंडर करना पड़ेगातीसरे चरण में किसी को फिजिकल गोल्ड चाहिए तो EGR को वॉल्ट में सरेंडर करना पड़ेगा। वॉल्ट मैनेजर EGR लेकर फिजिकल गोल्ड ग्राहक को देगा। EGR वहीं रद्द होगा। रद्द EGR की सूचना साथ ही एक्सचेंज, डिपॉजिटरी, क्लीयरिंग कॉर्प को जाएगी। डिलीवर सोने की क्वालिटी पर विवाद हुआ तो इस पर इंडिपेंडेंट एजेंसी की रिपोर्ट मान्य होगी।कहीं से भी जमा और निकासी की सुविधाइसमें इंटरऑपरेबिलिटी भी है। यानी इसके होने से कहीं भी जमा और कहीं भी निकासी की सुविधा मिल जाएगी। समान साइज के EGR की अदला-बदली की सुविधा देने का भी प्रस्ताव भी है। यह फिजिकल गोल्ड की उपलब्धता पर निर्भर करेगा और इससे खरीदारों के लिए लागत घटेगी। EGR पर बाकी सिक्योरिटीज की तरह ही STT लगेगा। EGR को फिजिकल गोल्ड में बदलने पर GST लगेगा। एक से अधिक राज्य के बीच सौदों पर IGST का सुझाव भी है।


Source: Dainik Bhaskar May 18, 2021 06:56 UTC



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