दो साल में किया प्रपोज, 4 साल लगे घरवालों को मनाने में, विदेशी दुल्हन ने गांव के छोरे से की शादी, बोली- इंडिया अच्छा नहीं, बहुत अच्छा है - News Summed Up

दो साल में किया प्रपोज, 4 साल लगे घरवालों को मनाने में, विदेशी दुल्हन ने गांव के छोरे से की शादी, बोली- इंडिया अच्छा नहीं, बहुत अच्छा है


के की बारबोरा और रतलाम जिले के बड़ावदा के विकास बैरागी की पहली मुलाकात 21 सितंबर 2013 को में हुई। जनवरी 2015 की शुरुआत में बारबोरा विकास से मिलने फिर हिंदुस्तान आई। यहां के संजय वन में बारबोरा ने खुद प्रपोज किया कि हमें शादी करना चाहिए। विकास ने भी हां कर दी, लेकिन घर वालों को मनाने में उन्हें चार साल लग गए। अब उन्होंने एडीएम कार्यालय में शादी रचाई।दोनों नहीं थे शादी के लिए तैयारमें पिरामिड आईटी कंस्लटिंग कंपनी में टेक्निकल रिक्रूटर विकास बैरागी ने बताया, हम दोनों ने शादी करना तय कर लिया लेकिन दोनों के घरवालों को समझाने में कई साल लग गए। सेवानिवृत पटवारी पापा हीरादास बैरागी ने साफ कह दिया था यह नहीं हो सकता, देश, पहनावा, खान-पान, बोली सब अलग है। बारबोरा का परिवार भी शुरू में स्वीकार नहीं कर पाया लेकिन जब हम अड़े रहे और हमने दोनों परिवारों को बताया कि यह कोई फेसबुकपर हुआ प्यार नहीं है, हम शादी करना चाहते हैं, साथ रहना चाहते हैं। वक्त लगा लेकिन सब मान गए। शादी में बारबोरा के पिता मेलान सेलेनहोस्की, मां मेरी, भाई पीटर, विकास की मां कृष्णादेवी, साथी राजकुमार चावड़ा मौजूदरहे।पढ़ाने के लिए आई थीं बारबोरा- चेक गणराज्य के जिले के द्राहलीन शहर की बारबोरा (29) वहां शिक्षा मंत्रालय में एनालिस्ट हैं। बारबोरा 2013 में उज्जैन के सरकारी बीएड कॉलेज में बच्चों को पढ़ाने का तरीका सिखाने आई थीं। इस दौरान वह 10 महीने यहां रही। विकास के बड़े भाई सरकारी शिक्षक राकेश उज्जैन से बीएड कर रहे थे। वहां से एजुकेशन टूर इंदौर गया तो साथ में विकास चला गया, जहां बारबोरा से उसकी मुलाकात हुई। विकास ने 12वीं तक जावरा में पढ़ाई की। इंदौर से इंजीनियरिंग और बैंगलुरू से मास्टर डिग्री की।


Source: Dainik Bhaskar February 08, 2019 07:18 UTC



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