दिल्ली / 885 करोड़ में बना सुप्रीम कोर्ट का सबसे आधुनिक भवन, पुरानी और नई इमारत सुरंग से जोड़ी गई - News Summed Up

दिल्ली / 885 करोड़ में बना सुप्रीम कोर्ट का सबसे आधुनिक भवन, पुरानी और नई इमारत सुरंग से जोड़ी गई


राष्ट्रपति ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्‌घाटन कियाभवन निर्माण में 20 लाख डिमोलीशन वेस्ट के ब्लॉक लगाए गए, पहली बार देश में किसी बिल्डिंग में इतने अधिक मलबे का इस्तेमाल हुआ1800 कारों की पार्किंग क्षमता, सुरक्षा के लिहाज से पूरी इमारत में 825 सीसीटीवी कैमरे लगेDainik Bhaskar Jul 18, 2019, 11:13 AM ISTनई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्‌घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की नई इमारत अनूठी है, क्योंकि यह सौर उर्जा, पर्यावरण और जलसंरक्षण की खासियत अपने अंदर समेटे हुए है। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे।12.19 एकड़ में बनी इस बिल्डिंग को सुरंग के जरिए सुप्रीम कोर्ट की पुरानी बिल्डिंग से जोड़ा गया है। इस पर 885 करोड़ रुपए का खर्च आया है। सुप्रीम कोर्ट का सारा प्रशासनिक काम, मुकदमों की फाइलिंग, कोर्ट के आदेशों और फैसलों की कापियां लेने आदि सभी काम पुरानी बिल्डिंग से इस नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगा। पर अदालतें पुरानी बिल्डिंग में ही लगेंगी।अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले 9 भाषाओं में: इस मौके पर राष्ट्रपति कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के 9 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की शुरू होने वाली सुविधा का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अब सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी होंगे। ये फैसले सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड किए जाएंगे।नए भवन में प्रशासनिक कामकाज और रजिस्ट्री होगी, अदालतें पुरानी बिल्डिंग में ही रहेंगीनई इमारत में सुप्रीम कोर्ट की सभी फाइलों का डिजिटल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। इसके लिए एक आईटी सेल भी बनाया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पूरी इमारत में 825 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।पुरानी से नई बिल्डिंग तक जाने के लिए तीन भूमिगत रास्ते हैं जिसमें से एक रास्ता जजों के लिए, दूसरा सुप्रीम कोर्ट रिकार्ड के लाने ले जाने के लिए और तीसरा रास्ता वकीलों के लिए है।1 लाख लीटर क्षमता का रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी लगा है, जो बरसाती जल को जमा करेगा। दो वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं। ये सीवेज वॉटर को पीने योग्य बनाएंगे।भवन निर्माण में 20 लाख डिमोलीशन वेस्ट के ब्लॉक लगाए गए हैं। पहली बार देश में किसी बिल्डिंग में इतनी अधिक मलबे का इस्तेमाल हुआ है। 1800 कारों की पार्किंग क्षमता है।बिजली की 40% जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी होगी


Source: Dainik Bhaskar July 18, 2019 01:27 UTC



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