दिल्ली / देश में बच्चों को स्कूली शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए: वेंकैया - News Summed Up

दिल्ली / देश में बच्चों को स्कूली शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए: वेंकैया


भारत में 19 हजार से अधिक भाषाएं मातृभाषा के तौर पर इस्तेमाल होती हैंउपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि इतिहास को भारतीय संदर्भों में लिखने की जरूरतDainik Bhaskar Oct 22, 2019, 11:16 AM ISTनई दिल्ली. भाषाई विवाद के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत में 19 हजार से अधिक भाषाएं मातृभाषा के तौर पर इस्तेमाल होती हैं। हमें देश की समृद्ध भाषा विरासत को सहेजने की आवश्यकता है। देश के प्रत्येक बच्चे को स्कूली शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए। इससे न केवल सीखने की क्षमता विकसित होगी, बल्कि हमारी भाषाओं का संरक्षण भी संभव हो सकेगा। नायडू सोमवार को यहां दिल्ली तमिल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के छात्रों को संबोधित कर रहे थे।इतिहास को फिर से लिखने की जरूरतनायडू ने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने 1857 को कभी भी स्वतंत्रता के लिए पहला संघर्ष स्वीकार नहीं किया और इसे महज एक ‘सिपाही विद्रोह' के रूप में चित्रित करने की कोशिश की। भारत का शोषण करने के लिए अंग्रेजों के अपने स्वार्थ थे और इतिहास उनके लिए एक उपकरण बन गया था। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली से भारतीय संस्कृति और परंपरा झलकनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने इतिहासकारों से भारतीय संदर्भों और मूल्यों के साथ इतिहास लिखने का आह्वान किया।‘फिट इंडिया मूवमेंट के संदेश को फैलाया जाए’वेंकैया ने छात्रों से शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए खेलों में रुचि लेने को कहा। उन्होंने कहा कि गैर-संक्रमणकारी रोग मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव की वजह से होते हैं। युवा पीढ़ी को पारंपरिक भारतीय भोजन और योग के लाभों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘फिट इंडिया मूवमेंट' के संदेश को फैलाने की अपील की।


Source: Dainik Bhaskar October 22, 2019 02:46 UTC



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