तो इसलिए धनबाद में एक हजार कमरों वाले एक्वा मरीन हाॅस्टल का पीएम नरेन्द्र मोदी कर रहे उद्घाटन... - News Summed Up

तो इसलिए धनबाद में एक हजार कमरों वाले एक्वा मरीन हाॅस्टल का पीएम नरेन्द्र मोदी कर रहे उद्घाटन...


जागरण संवाददाता, धनबाद। आइआइटी आइएसएम में बने नवनिर्मित ब्वाॅयज हाॅस्टल एक्वा मरीन का उद्घाटन 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आनलाइन मोड में करेंगे। यह दो हजार बेड का छात्रावास आइएसएम का सबसे बड़ा हास्टल है।इंस्टाग्राम पर वोटिंग के आधार पर हॉस्‍टल का नामकरणआइएसएम के छात्रों ने इंस्टाग्राम पर वोटिंग के आधार पर इस छात्रावास का नामकरण किया था। नवनिर्मित हाॅस्टल की संरचना मछली के आकार जैसी है। अब छात्रों के लिए जगह की कमी नहीं होगी। प्रधानमंत्री रांची आ रहे हैं। यहां वो कई केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें यह हाॅस्टल भी शामिल है।आइआइटी आइएसएम की ओर से रांची में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में संस्थान के उपनिदेशक प्रो धीरज कुमार और डीन इंफ्रास्ट्रक्चर हिस्सा लेंगे। संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो जेके पटनायक व अन्य अधिकारी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होंगे।एक्‍वा मरीन में हैं एक हजार कमरेआइआइटी आइएसएम के नवनिर्मित ब्वायज हास्टल का निर्माण 192 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह हाॅस्टल जी प्लस 14 फ्लोर का है। इसमें एक हजार कमरे हैं। इसका आकार मछली की पूंछ की तरह है।इसमें दो हजार छात्रों की रहने की क्षमता है। इसका नामकरण भी संस्थान के अन्य हाॅस्टल की तर्ज पर रत्नों के नाम पर किया गया है। छात्रों के बीच हुए ऑनलाइन वोटिंग के बाद इसका नामकरण एक्वा मरीन रखा गया।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करेंआइएसएम में अब 11 हाॅस्टलआइआइटी आइएसएम देश के प्रतिष्ठित इंजीनियिरंग संस्थानों में एक है। यहां की माइनिंग की पढ़ाई का कोई सानी नहीं है।आइएसएम सिर्फ शैक्षणिक गतिविधियों के लिए ही नहीं अपनी हाॅस्टल सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है। संस्थान के छह हजार से अधिक छात्रों को घर जैसा माहौल देने के लिए 11 हाॅस्टल इसकी बुलंदी की कहानी बताते हैं।रत्‍न पर रखे गए हैं हॉस्‍टल के नामआइआइटी आइएसएम में बीटेक, एमटेक, जेआरएफ समेत अन्य ब्रांचों के छात्रों की संख्या 7034 से अधिक है। संस्थान के 364 से अधिक फैकेल्टी इन्हें शिक्षा-दीक्षा दे रहे हैं।छात्रों के लिए 11 हास्टल की सुविधा प्रदान की गई है। इनमें अंबर, डायमंड, एमराल्ड, इंटरनेशनल, जैस्पर, ओपल, रोजलीन, रूबी, सफायर, टोपाज और नवनिर्मित दो हजार क्षमता का ब्वाॅयज हास्टल शामिल हैं। सबसे अहम यह है कि जितने भी हास्टल हैं उनके नाम किसी न किसी रत्न पर रखे गए हैं।एक्वा मरीन हास्टल की खासियतमछली के आकार का होने के नाते इसका नाम एक्वामरीन रखा गया है।हास्टल में एक हजार कमरे हैं, इसमें दो हजार बेड है।एक साथ तीन हजार छात्र बैठकर भोजन कर सकते हैं।60 हजार स्क्वायर मीटर में हास्टल बना है, इसपर 192 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।हाॅस्टल में वाईफाई की सुविधा है।यह भी पढ़ें: बिरसा मुंडा कौन थे, कैसे बने आदिवासियों के भगवान? अंग्रेजों के कर दिए थे दांत खट्टे; बौखला गई थी पुलिस भीयह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर हाई अलर्ट पर प्रशासन, जानें किस-किस रूट को ट्रैफिक पुलिस ने किया डायवर्ट


Source: Dainik Jagran November 14, 2023 14:33 UTC



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