(सौरव गांगुली का कॉलम) भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ कुछ महीने पहले ही निदहास ट्रॉफी का फाइनल खेला था, जो एक बेहद ही शानदार मुकाबला था। बांग्लादेश यह मुकाबला चार विकेट से हार गया था। शुक्रवार को दोनों टीम एक बार दोबारा एशिया कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी और इस बार भी भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में होगी। बांग्लादेश को पुनर्जीवित होने की जरूरत है।अफगानस्तिान का उत्थान इस खेल के लिए शानदार है। वहीं एशियाई क्रिकेट के लिए पाकिस्तान और श्रीलंका का प्रदर्शन दयनीय है, जिसने विश्व क्रिकेट पर एक दाग छोड़ दिया है। यह देखने में आ रहा है कि पिछले लंबे समय से श्रीलंका, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज का प्रदर्शन लगातार नीचे गिरा है और इससे बाहर आने का भी इन टीमों को भविष्य में भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इन तीनों ही देशों ने हमें कई दिग्गज दिए हैं। यह जरूरी है कि वे टीमें अपनी समस्याओं को दूर करें।हांगकांग के खिलाफ खराब शुरुआत के बाद भारत इस टूर्नामेंट में अपराजित रहा है। वह लगातार मजबूत होते जा रहे हैं और उन्हें फाइनल में हराना आसान नहीं होगा। रोहित और धवन शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं। अफगानिस्तान के खिलाफ दोनों को दिया गया आराम उन्हें इस परिस्थितियों को और समझने का मौका देगा। बांग्लादेश को इस टूर्नामेंट में अगर बने रहना है तो उन्हें सबसे पहले इन दोनों को जल्दी आउट करना होगा। दोनों की फॉर्म की वजह से भारतीय मध्यक्रम को अफगानिस्तान के मुकाबले की तरह ज्यादा दबाव नहीं झेलना पड़ा है।भारतीय टीम जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ रही थी, वही खेलेगी। उसमें बदलाव की संभावना नहीं है। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार की जोड़ी दोबारा बांग्लादेशी बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी करेगी। दोनों ने गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया है, खासकर बुमराह तीनों प्रारूप में भारत के लिए अच्छा कर रहे हैं। उनके अंदर तीनों प्रारूपों को अपनाने की क्षमता है।बांग्लादेश को भारत के खिलाफ 275 के करीब रन बनाने होंगे, वरना भारत के लिए यह मुकाबला जीतना मुश्किल नहीं होगा। शाकिब अल हसन का चोटिल होना बांग्लादेश के लिए बड़ी परेशानी है। उनके रहने से बांग्लादेश की गेंदबाजी संतुलित दिखती थी। बांग्लादेश मुश्फिकुर रहीम पर निर्भर होगा, लेकिन हर बार वह रन नहीं बना सकते हैं। वह भी तब जब उन पर विकेटकीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी है।क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंPosted By: Sanjay Savern
Source: Dainik Jagran September 27, 2018 15:22 UTC