वेदप्रताप वैदिक का कॉलम: सरकार और किसान अब सीधा संवाद करें, कृषि कानूनों की असफलता का रहस्य समझ में आ जाए तो देश का काफी भला होगाएक दिन पहलेकॉपी लिंकडॉ. वेदप्रताप वैदिक, भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्षतीन कृषि-कानूनों की वापसी की घोषणा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहनीय काम किया है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि आखिर ये कृषि कानून विफल क्यों हुए? हम जरा सोचें कि ऐसा कौन है, जो नरेंद्र मोदी को अपना वचन भंग करने के लिए मजबूर कर सके? यदि कानून-वापसी की इस घोषणा में कोई दांव-पेंच होता तो क्या सारे विपक्षी दल इसका एक स्वर से स्वागत करते? क्या यह नहीं कि इन फैसलों में कहीं ना कहीं चूक रही।संभवत: विशेषज्ञों से राय नहीं ली गई। ना ही विपक्ष को महत्व दिया गया। विश्वास और भरोसे की जमीन तैयार नहीं की गई। कमोबेश ऐसी ही प्रवृत्ति ने हमारी विदेश नीति को भी जकड़ रखा है। यदि कृषि-कानूनों को लाने के पहले किसानों का विश्वास प्राप्त कर लिया जाता तो इन कानूनों को वापस लेने की यह नौबत ही क्यों आती?
Source: Dainik Bhaskar November 24, 2021 10:02 UTC