140 सालों में पहली बार 2021 में जनगणना में डाटा इकट्ठा करने के लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल होगा। इसमें सरकार अंतिम रूप देने के लिए जुटी है। 2021 में हाेने वाली 16वीं जनगणना की तैयारियों के लिए चल रही दो दिन की कॉन्फ्रेंस के दौरान केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने यह जानकारी दी।गौबा ने बताया कि दुनिया की इस सबसे बड़ी जनगणना के लिए 33 लाख कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इनके पास अपना मोबाइल इस्तेमाल करने का विकल्प होगा और इसके लिए उन्हें अलग से राशि दी जाएगी। मोबाइल का इस्तेमाल न करने वाले कर्मचारियों को कागज पर आंकड़े इकट्ठा करके ऐप में डालना होगा।गृह सचिव ने कहा, आंकडे जुटाते वक्त गोपनीयता बनाए रखने पर विशेष ध्यान देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि आंकड़ों का दुरूपयोग न हो।उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बर्फबारी वाले क्षेत्रों में एक अक्टूबर 2020 से जनगणना का काम शुरू हो जायेगा जबकि बाकी देश में यह एक मार्च 2021 से होगा।गौबा ने बताया, जनगणना का मतलब केवल लोगों की गिनती से नहीं है, इससे देश के बारे में सामाजिक और आर्थिक आंकड़े भी हासिल होते हैं। इनके आधार पर नीतियां बनाई जाती हैं और संसाधनों का आवंटन होता है।
Source: Dainik Bhaskar April 09, 2019 16:18 UTC