ट्रेन में यात्री से छीन ले गया 8 किलो सोने के ढाई करोड़ के जेवर रखा बैग, पीड़ित पीछे दौड़ा तो चलती ट्रेन से कूद गया बदमाश - News Summed Up

ट्रेन में यात्री से छीन ले गया 8 किलो सोने के ढाई करोड़ के जेवर रखा बैग, पीड़ित पीछे दौड़ा तो चलती ट्रेन से कूद गया बदमाश


भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ़बांद्रा-उदयपुर ट्रेन में सोमवार सुबह स्लीपर कोच में सो रहे एक यात्री के सिरहाने रखा आठ किलो सोने से बने ढाई करोड़ रुपए मूल्य के जेवरात भरा बैग चुराने के बाद बदमाश चलती ट्रेन से कूदकर भाग गया। घटना निंबाहेड़ा के पास हुई, जब ट्रेन की स्पीड कम थी। संभवतया बदमाश को पता था कि बैग में कीमती जेवर हैं। संभावना है कि बदमाश मुंबई से यात्री के पीछे था।मुंबई में रणजी स्ट्रीट जौहरी बाजार चरणी रोड निवासी 23 वर्षीय विपुल पुत्र विनोद रावल व 28 वर्षीय नरेंद्र पुत्र प्रेमाराम टेलर यश गोल्ड कंपनी में सेल्समैन हैं। दोनों बांद्रा-उदयपुर ट्रेन से उदयपुर आ रहे थे। विपुल व नरेंद्र ने जीआरपी को बताया कि वे स्लीपर कोच एस-4 में 9 व 10 नंबर की सीट पर थे। लोअर सीट पर विपुल और मिडल सीट पर नरेंद्र सो रहा था। नरेंद्र के सिर के नीचे बैग था, जिसमें करीब आठ किलो सोने के जेवर थे। सुबह करीब साढ़े पांच से छह बजे के बीच निंबाहेड़ा में रुकने के बाद ट्रेन धीरे-धीरे चित्तौड़ जा रही थी। करधाना के निकट एक युवक नरेंद्र के सिरहाने रखे बैग लेकर भाग गया। इससे नरेंद्र जाग गया। युवक के पीछे भागा, लेकिन बदमाश चलती ट्रेन से नीचे कूद गया। नरेंद्र के चिल्लाने पर जगे विपुल ने चैन पुलिंग की तो आरपीएफ के जवान आए। कोई नहीं दिखा। दोनों ने चित्तौड़ पहुंचने के बाद जीआरपी को जानकारी दी।बांद्रा-उदयपुर ट्रेन में सुबह 6 बजे घटना, स्लीपर कोच में मुंबई से आ रहे थे ज्वैलर कंपनी के सेल्समैनचेन पुलिंग हुई तो ये दोनों ही खिड़की से झांकते दिखे, गेटमैन ने किसी को कूदते नहीं देखाजीआरपी ने भरोसा नहीं किया तो दोबारा चेन खींची, हमें कहा- चित्तौड़ में रिपोर्ट दर्ज कराना /पीड़ित युवक- नरेंद्र ने बताया कि डिब्बे में अंधेरा था। सिर के नीचे रखे बैग का एक हिस्सा उसने हाथ में पकड़ भी रखा था। अचानक युवक जोर से बैग छिनकर भाग गया। वह उसके पीछे भागा पर पहले से कोच का एक दरवाजा पहले से खुला हुआ था। बदमाश उससे नीचे कूद गया। वो 20 से 25 साल की उम्र का लग रहा था। अंधेरा होने से वह उसका पहनावा व हुलिया ढंग से नहीं देख पाया पर उसके कपड़े काले दिख रहे थे। इसलिए पुलिस को तलाश करने में चुनौती है। विपुल व नरेंद्र के अनुसार बैग में सोने के मंगलसूत्र, कान के झुमके, हार आदि आभूषण थे। जो उनकी कंपनी की ओर से उदयपुर में अलग-अलग ज्वैलर्स के यहां पहुंचानी थी।इसी ट्रेन में दो और वारदात गैंग संभव; विपुल के अनुसार लोअर बर्थ के नीचे रखा हमारा कपड़े का एक बैग भी चोरी हुआ। ट्रेन में बैठी एक महिला यात्री ने भी उसका बैग चोरी होने की बात कही। मुंबई वेस्ट निवासी शोएब ने बताया कि इसी ट्रेन से आ रहे उसके एक रिश्तेदार का बैग भी रतलाम के पास चोरी हो गया। जिसमें एक आईफोन, घड़ी व पर्स था। करीब डेढ़ लाख का सामान चोरी हुआ है। निंबाहेड़ा में स्टॉपेज के बाद ट्रेन धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। बदमाश ने वारदात का यही मौका चुना। शायद उसी ने कोच का एक दरवाजा भी खोल कर रखा। ताकि बैग छीनने के बाद आसानी से निकल कर कूद सके। निंबाहेड़ा में इस ट्रेन का स्टाॅपेज मात्र एक दो मिनट का होता है।और बड़ा सवाल: बदमाश को पता था इतना कीमती है बैगट्रेन में किसी यात्री के पास आठ किलो सोने यानी ढाई करोड़ का माल भरा बैग हो। ऐसा बहुत कम होता है। पूरे कोच व ट्रेन में कई यात्रियों के बैग या अन्य सामान रखे हुए थे। बदमाश सिर के नीचे रखा यही बैग खींचकर ले गया। यानी उसे इस बारे में पता था। मुंबई से बड़े ज्वैलर्स व्यापारी या कंपनियों के प्रतिनिधि मेवाड़ में सप्लाई के लिए इस ट्रेन में माल लेकर आते हैं। ये दोनों सेल्समैन पहले भी माल लेकर आते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बदमाश या तो मुंबई से ही इस ट्रेन में सवार हो गए या फिर वहां से मिली पुख्ता सूचना पर उनके साथी रास्ते में कहीं से ट्रेन में चढ़ गए। जीआरपी इनके सहित अन्य पहलुओं से भी जांच कर रही है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि कहीं इन सेल्समैन की मिलीभगत तो नहीं है।भास्कर पड़ताल में सामने आया कि निम्बाहेड़ा से ट्रेन निकलने के बाद कुछ देर में दो बार चेन पुलिंग हुई। इसे लेकर रेलवे सुरक्षा बल व पीड़ित दोनों एक दूसरे पर सवाल उठाते हैं। जीआरपी के अनुसार ट्रेन में आरपीएफ के चार जवान थे। दो आगे व दो पीछे। पहली बार चेन पुलिंग होते ही दोनों ओर से टाॅर्च से देखा तो इसी कोच के ये दोनों युवक खिड़की से झांक रहे थे। जवान उनके पास तक पहुंचे, तब तक एक बार और चेन पुलिंग हो गई। जीआरपी के अनुसार इन आरपीएफ जवानों और पास के गेट मैन से पूछने पर दोनों का कहना था कि हमें ट्रेन से कोई उतरते, भागते या चढ़ते हुए नजर नहीं आया। दो बार चेन पुलिंग सहित वारदात के समय तौर तरीके और माल के बारे में भी युवक सही जानकारी नहीं दे पाएं। पीिड़त युवकों का कहना था कि पहली बार चेन पुलिंग करने पर आरपीएफ जवान हमारे पास आए। उनको घटना बताने पर भी विश्वास नहीं किया और ट्रेन चल गई। इसी कारण दोबारा चेन पुलिंग कर रुकवाई। बाद में जवानों ने कहा कि ऐसा है तो चित्तौड़ पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाना। हमारा मोबाइल भी उसी बैग में रह गया था। यदि तत्काल उसके आधार पर ट्रैस करते तो शायद बदमाशों का कुछ सुराग मिल जाता।


Source: Dainik Bhaskar January 08, 2019 02:16 UTC



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