Dainik Bhaskar Oct 11, 2019, 10:27 PM ISTनई दिल्ली. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट पेश की, जिसके मुताबिक आरटीआई एक्ट के तहत सभी सालाना रिपोर्ट फाइल करने वाला छत्तीसगढ़ अकेला प्रदेश है। उधर, उत्तर प्रदेश ने 2005 यानी जब से यह एक्ट लागू हुआ है, तब से अब तक एक भी रिपोर्ट फाइल नहीं की है। आरटीआई एक्ट के तहत यह रिपोर्ट देना आवश्यक है।आरटीआई डे की पूर्वसंध्या पर टीआईआई ने यह रिपोर्ट जारी की। इसके लिए संस्था ने देश के 28 राज्यों के सूचना आयोग की कार्यप्रणाली का विश्लेषण किया।रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ ने 2005 से 2018 तक आरटीआई एक्ट के तहत अपनी हर रिपोर्ट प्रकाशित की। 28 में से केवल 9 राज्य ऐसे थे, जिन्होंने 2017-18 तक की सालाना रिपोर्ट प्रकाशित की। इनमें जम्मू-कश्मीर शामिल नहीं था।आरटीआई एक्ट 2005 का सेक्शन 25(1) कहता है कि केंद्रीय सूचना आयोग और राज्यों के सूचना आयोगों को एक्ट के प्रावधानों को लागू करने को लेकर एक सालाना रिपोर्ट तैयार करना आवश्यक है। इसकी कॉपी संबंधित सरकारों को भी भेजनी होती है।रिपोर्ट में सामने आया कि सूचना अधिकारी के तौर पर महिलाओं की नियुक्ति के मामले में भी राज्य पीछे हैं। केवल 7 राज्यों में ही महिलाओं की हिस्सेदारी है। सभी स्वीकृत पदों में केवल 4.5% पर महिलाओं की नियुक्ति की गई है। एक सूचना आयोग में 10 इन्फर्मेशन कमिश्नर के पद होते हैं। इनके अलावा चीफ इन्फर्मेशन कमिश्नर होता है।टीआईआई के आंकड़े बताते हैं कि चीफ इन्फर्मेशन कमिश्नर और इन्फर्मेशन कमिश्नर के 155 पदों में से 24 पद अभी खाली हैं। पिछले साल के बाद से खाली पदों की संख्या घटकर आधी रह गई है।रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार को छोड़कर सभी राज्यों की वेबसाइट चालू हालत में हैं। हालांकि, गुजरात और राजस्थान को छोड़कर बाकी राज्यों की सूचना आयोग की वेबसाइट महज रस्म अदायगी है, क्योंकि इनमें केवल बेसिक जानकारी ही दी गई है। इसमें सूचना आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में वास्तविक जानकारी नहीं दी गई।
Source: Dainik Bhaskar October 11, 2019 16:51 UTC