टीके का काॅकटेल: कर्नाटक-तमिलनाडु में कोविशील्ड की दो डोज लगवा चुके हेल्थ वर्कर्स अब कोवैक्सिन का टीका लगवा रहे - News Summed Up

टीके का काॅकटेल: कर्नाटक-तमिलनाडु में कोविशील्ड की दो डोज लगवा चुके हेल्थ वर्कर्स अब कोवैक्सिन का टीका लगवा रहे


Hindi NewsLocalUttar pradeshLucknowHealth Workers Who Have Had Two Doses Of Kovishield In Karnataka Tamil Nadu Are Now Getting Vaccinated With CovaxineAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपटीके का काॅकटेल: कर्नाटक-तमिलनाडु में कोविशील्ड की दो डोज लगवा चुके हेल्थ वर्कर्स अब कोवैक्सिन का टीका लगवा रहेबेंगलुरू/लखनऊ/नई दिल्ली 5 घंटे पहलेकॉपी लिंकतमिलनाडु के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन ने कहा कि अलग-अलग टीका लगवाना वैज्ञानिक रूप से ठीक है। तय से ज्यादा डाेज जैसी काेई चीज नहीं है।देश में एक ओर काेराेना टीका की कमी है, ताे दूसरी ओर कर्नाटक और तमिलनाडु में कई हेल्थ वर्कर्स बेवजह टीके का तीसरा डाेज लगवा रहे हैं। इसके लिए हेल्थ वर्कर्स अलग फाेन नंबर और पहचान-पत्र के जरिए टीके के लिए पंजीकरण करवा रहे। रिपाेर्टाें के अनुसार, कई हेल्थ वर्कर्स काेविशील्ड के दाे डाेज लगवाने के बावजूद अब कोवैक्सिन का टीका लगवा रहे हैं।उनका मानना है कि काेराेना से बचने के लिए काेवैक्सीन लगवाना जरूरी है। कुछ डाॅक्टर भी इसे सही बता रहे। उनका कहना है, “ये हेल्थ वर्कर्स उन क्षेत्रों में काम करते हैं, जहां वायरल लोड अधिक होता है। अगर कोई स्वास्थ्यकर्मी दूसरा शॉट लेता है तो इसमें गलत क्या है?’यह ट्रेंड सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है।तमिलनाडु के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन ने कहा, कि अलग-अलग टीका लगवाना वैज्ञानिक रूप से ठीक है। तय से ज्यादा डाेज जैसी काेई चीज नहीं है। कोविशील्ड की दो डाेज और कोवैक्सीन की एक खुराक लेने वाले भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस करेंगे।कर्नाटक के कोविड तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ एमके सुदर्शन ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स डर और बेहतर सुरक्षा के लिए तीसरा डाेज लगवा रहे हैं। लेकिन जाे हेल्थ वर्कर्स ऐसा कर रहे हैं, वे दूसरे लाेगाें काे टीका लगवाने के अधिकार पर डाका डाल रहे हैं।भास्कर एक्सपर्टदो कंपनियों के डोज लेना गलत, केंद्र सरकार तुरंत दिशा-निर्देश जारी करेंएक वैक्सीन के दो डोज लेने के बाद दूसरी कंपनी की वैक्सीन लेना बिल्कुल गलत है। सरकार को तुरंत इसकाे राेकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि दो डोज पूरी होने के बाद किसी और वैक्सीन की जरूरत नहीं है। पहली डोज कोविशील्ड या कोवैक्सीन की लेने के बाद दूसरी डोज दूसरी कंपनी का लगाना यह बहुत बड़ी लापरवाही है।अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अलग-अलग कंपनी की वैक्सीन लेने पर किस तरह का लाभ या नुकसान होगा। यह भी पता नहीं है कि एक कंपनी की दोनों डोज पूरी होने के बाद दूसरी कंपनी का डोज लेना फायदेमंद है या हानिकारक। इन सब सवालों के जवाब अभी तक वैज्ञानिक तरीके से नहीं मिल पाए हैं। लेकिन इतना स्पष्ट है कि आमतौर पर भी किसी वैक्सीन में इस तरह की व्यवस्था नहीं होती है। - डॉ. नरेन्द्र अरोड़ा, चेयरमैन, राष्ट्रीय समिति, टीकाकरण के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स (एईएफआई)।उप्र : पहली डोज कोविशील्ड, दूसरी कोवैक्सीन की लगीपूर्वी उप्र के सिद्धार्थनगर के 20 लोगों को पहली डोज तो कोविशील्ड की लगी, लेकिन दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगा दी गई। दो अलग-अलग वैक्सीन लगने के कारण लोग डरे हुए है। सीएमओ संदीप चौधरी ने बताया कि हमारी टीम इन सभी लोगों पर नजर बनाए हुए है। अभी तक किसी व्यक्ति में कोई समस्या नहीं देखने को मिली है। इस गंभीर लापरवाही के लिए हमने जांच टीम बना दी है।


Source: Dainik Bhaskar May 27, 2021 03:22 UTC



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