जून में समाप्त हो जाएगा वार्ड सदस्यों का कार्यकाल - News Summed Up

जून में समाप्त हो जाएगा वार्ड सदस्यों का कार्यकाल


तरुण बागी रामगढ़ रामगढ़ छावनी परिषद के वार्ड सदस्यों का कार्यकाल जून में समाप्त हो जाएगातरुण बागी, रामगढ़ : रामगढ़ छावनी परिषद के वार्ड सदस्यों का कार्यकाल जून में समाप्त हो जाएगा। पांच जून 2021 को 16 सदस्यीय कैंट बोर्ड स्वत: भंग हो जाएगा। बोर्ड भंग होने के बाद चुनाव होने तक छावनी परिषद में तीन सदस्यीय वैरी बोर्ड संचालित होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। तीन सदस्यीय वैरी बोर्ड में छावनी परिषद के पदेन अध्यक्ष, मुख्य अधिशासी अधिकारी के अलावा शहर का एक कोई एक बुद्धिजीवी नागरिक मनोनीत सदस्य होंगे। नामित सदस्य के लिए छावनी परिषद की ओर से शहर के तीन बुद्धिजीवियों के नामों का चयन कर रक्षा संपदा, मध्यकमान लखनऊ भेजा जाएगा। विदित हो कि छावनी परिषद के कुल आठ वार्ड निर्वाचित वार्ड सदस्यों का कार्यकाल पांच जून 2020 को पूरा हो चुका है। कई कारणों से समय पर चुनाव नहीं होने के कारण छह-छह माह के लिए दो-दो बार वार्ड सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। छावनी अधिनियम के तहत छह-छह माह के लिए दो बार सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद बोर्ड स्वत: भंग हो जाता है। छावनी परिषद में दूसरी बार बढ़ाए गए कार्यकाल की समयावधि पांच जून 2021 को पूरी हो जाएगी। विदित हो कि देश भर में कुल 62 छावनी परिषद क्षेत्र है। झारखंड का एकमात्र रामगढ़ शहर छावनी परिषद के अधीन संचालित होता है। देश भर में 62 में से 56 छावनी परिषद के वार्ड सदस्यों का कार्यकाल बुधवार यानी 10 फरवरी को समाप्त होने के बाद बोर्ड को भंग कर वैरी बोर्ड के गठन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे अब छावनी परिषद के चुनाव की संभावना कम ही नजर आ रही है।--पहले भी हो चुका है बोर्ड भंगछावनी परिषद में 2001-02 में भी वार्ड सदस्यों के कार्यकाल छह-छह माह के लिए दो बार बढ़ाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके बाद करीब एक साल तक तीन सदस्यीय वैरी बोर्ड से छावनी परिषद संचालित हुआ था। उस वक्त रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाध्यापक मुल्क राज चड्ढा को वैरी बोर्ड का सदस्य बनाया गया था।--नए नियम से हो सकता है अगला चुनावपांच साल के कार्यकाल वाला चुनाव अब रक्षा मंत्रालय द्वारा छावनी परिषद अधिनियम 2006 में संशोधन करने के ही कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा छावनी परिषद अधिनियम-2020 बनाया जा रहा है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर होगा। अभी तक निर्वाचित सदस्य ही बहुमत में अपने उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। नए अधिनियम के बनने पर मेयर की तरह परिषद उपाध्यक्ष का चुनाव भी सीधे जनता से होगा।--देश के 56 छावनी परिषद को आज भंग कर दिया गया है। पांच जून को रामगढ़ छावनी परिषद भी भंग हो जाएगा। संशोधन में बदलाव करने के बाद ही चुनाव की तैयारी चल रही है। आगामी चुनाव में कई बदलाव होंगे।- अनमोल सिंह, उपाध्यक्ष छावनी परिषद रामगढ़।शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप


Source: Dainik Jagran February 10, 2021 13:50 UTC



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