जरूरी स्तर से भी कम है GST return दाखिल करने वालों की संख्या, 60 फीसद ही भरते हैं जीएसटीआर-3बीदिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दो साल पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद इसमें टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की तादात लगातार अस्थिर बनी हुई है। इस समय टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या जरूरी स्तर से भी कम है। हालांकि, हर तीन महीने में इसमें कुछ वृद्धि जरूर दिखाई देती है।न्यूज एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, विश्लेषकों ने बताया है कि जुलाई 2017 के बाद जीएसटीआर-3बी के तहत संक्षिप्त रिटर्न भरने की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं देखा गया है। व्यापारी इसे मासिक रिटर्न की तय तिथि के बाद ही भर रहे हैं। इस रिटर्न को भरने वालों का अनुपात 60 फीसद के करीब बना हुआ है।वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क द्वारा जारी आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि जुलाई 2017 को कुल पंजीकृत करदाताओं में से 50 फीसद ने ही तय तिथि को जीएसटीआर- 3बी दाखिल किया था। इसके बाद अब 23 जून 2019 को यह संख्या बढ़कर लगभग 85 फीसद पर पहुंच गई है।जीएसटी के नियमों के अनुसार व्यापारियों को हर महीने का जीएसटीआर- 3बी उससे अगले माह की 20 तारीख तक भरना होता है जबकि जीएसटीआर- 1 को महीने की 10 तारीख तक भरना होता है। वहीं, रिटर्न दाखिल करने में विलंब करने पर केन्द्रीय जीएसटी के लिये विलंब शुल्क 25 रुपये प्रति दिन रखा गया है। राज्य जीएसटी के लिये 25 रुपये ही विलंब शुल्क रखा गया है। इसमें यह भी प्रावधान है कि शून्य कर देनदारी वाले कारोबारियों द्वारा विलंब से रिटर्न दाखिल करने पर विलंब जुर्माना 10 रुपये प्रति दिन लगता है।विश्लेषकों के अनुसार, जीएसटीआर-1 के विश्लेषण से पता चलता है कि हर तीन महीने में भरी जाने वाली अंतिम बिक्री रिटर्न का आंकड़ा बढ़ जाता है। इससे पता चलता है कि कंपोजीशन योजना डीलर और छोटे कारोबारी रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। फिर भी जीएसटीआर- 1 भरने की पात्रता रखने वाले कारोबारियों और वास्तव में रिटर्न दाखिल करने वालों के बीच काफी अंतर बना हुआ है।Posted By: Pawan Jayaswal
Source: Dainik Jagran July 01, 2019 11:48 UTC