प्रमुख सचिव ने कहा- 31 दिसंबर की आधी रात से केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई‘कश्मीर में अभी मोबाइल इंटरनेट और प्री-पेड सेवा शुरू नहीं हुई है, हालात सुधरने पर कश्मीर में पूरी तरह इंटरनेट सेवा शुरू होगी’Dainik Bhaskar Jan 01, 2020, 11:00 AM ISTश्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में मंगलवार आधी रात से सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा और घाटी के सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सुविधा बहाल कर दी गई। इस केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले 4 अगस्त को लैंडलाइन और मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। हालांकि, इस फैसले के हफ्तेभर के भीतर जम्मू में मोबाइल इंटरनेट छोड़कर, बाकी सेवाएं बहाल कर दी गईं थीं। बाद में कश्मीर में लैंडलाइन और पोस्टपेड मोबाइल सेवा कुछ चरणों में शुरू की गईं।जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने बताया, ‘‘31 दिसंबर की आधी रात से केंद्र शासित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। इसके अलावा कश्मीर में मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा चालू कर दी गई है। अभी इंटरनेट सेवाएं कब शुरू होंगी, इस पर फैसला नहीं लिया गया है। यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में है। हालात सुधरने के साथ इंटरनेट सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।’’हालांकि, घाटी में मोबाइल इंटरनेट और प्री-पेड सेवा अभी शुरू नहीं की गई है। छात्रों, व्यापारियों, ठेकेदारों और सरकारी मुलाजिमों के लिए 10 दिसंबर से मशीन आधारित एसएमएस सेवा बहाल कर दी गई थी। कई स्थानों पर हॉट-स्पॉट पॉइंट्स भी शुरू किए गए थे।कश्मीर में 900 इंटरनेट हॉट-स्पॉट पॉइंट्स बनाए गए थेअकेले कश्मीर के पर्यटक स्थलों, होटलों में ऐसे 900 पॉइंट्स और विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं। अब तक 6 लाख लोग इस सुविधा का फायदा ले चुके हैं। लेकिन पूरी तरह से एसएमएस सेवा शुरू होने में अभी वक्त लगेगा। चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूलों में भी ब्रॉडबैंड सेवा शुरू की जाएगी।स्थानीय प्रशासन नेताओं की रिहाई का फैसला लेगा : प्रमुख सचिवप्रमुख सचिव ने कहा, ‘‘स्थानीय प्रशासन नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई पर फैसला लेगा। हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है। कुछ लोगों को रिहा भी किया गया है।’’ सोमवार को 5 नेताओं को श्रीनगर के विधायक हॉस्टल से छोड़ा गया। यह सभी 5 अगस्त से नजरबंद थे। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, ओमर अब्दुल्ला और महबूबी मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।
Source: Dainik Bhaskar January 01, 2020 04:12 UTC