खास बातें वह लोगों के ‘दमन’ को वैध ठहराने वाला एक पक्ष नहीं बन सकतीं JNU में कथित राष्ट्रविरोधी नारों से उत्पन्न विवाद के बाद सुर्खियों में आई रशीद ने BDC चुनावों को ‘दिखावे की चुनावी कवायद’ करार दियामुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने के छह महीने बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने कश्मीर में चुनावी राजनीति छोड़ने की बुधवार को घोषणा की और जम्मू कश्मीर में खंड विकास परिषद (BDC) चुनाव कराने के कदम का विरोध किया. शेहला रशीद पर कश्मीर पर ट्वीट करने के लिए देशद्रोह का मामला दर्जJNU छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि वह इस महीने के अंत में जम्मू कश्मीर में BDC के चुनाव कराने के केंद्र सरकार के कदम की वजह से ‘कश्मीर में चुनावी मुख्य धारा से' खुद को अलग करने को विवश हैं. रशीद ने BDC चुनावों को ‘दिखावे की चुनावी कवायद' करार दिया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मैं अपने लोगों के बर्बर दमन को वैध ठहराने की कवायद में पक्ष नहीं बन सकती. बता दें कि रशीद ने मुख्यधारा की राजनीति छोड़ने की घोषणा उस दिन की है जब कांग्रेस ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में BDC चुनाव नहीं लड़ेगी.
Source: NDTV October 09, 2019 21:22 UTC