5 /5 इसलिए जगन्नाथजी ने बांध दिया हनुमान कोसमुद्र से इस प्रकार प्रभु के दर्शनों की बात सुनकर हनुमानजी भी चल पड़े जगन्नाथजी के दर्शनों को। तभी उन के पीछे-पीछे समुद्र भी चल पड़ा। इस तरह जब भी पवनसुत मंदिर जाते तो सागर भी उनके पीछे चल पड़ता। इस तरह मंदिर में फिर से क्षति होनी शुरू हो गई। तब जगन्नाथजी ने हनुमान की इस आदत से परेशान होकर उन्हें स्वर्ण बेड़ी से आबद्ध कर दिया। बता दें कि जगन्नाथपुरी में सागरतट पर बेदी हनुमानजी का प्राचीन मंदिर वही है, जहां उन्हें भगवानजी ने बांधा था।
Source: Navbharat Times June 23, 2020 06:11 UTC