गैस की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा मरीज, सोचा नहीं होगा ये कारण निकलेगा, देने पड़े बिजली के 23 झटके - News Summed Up

गैस की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा मरीज, सोचा नहीं होगा ये कारण निकलेगा, देने पड़े बिजली के 23 झटके


परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन एक मिनीमली इंवेसिव प्रोसीजर होता है, जो ब्लॉक हो चुकी कोरोनरी हार्ट आर्टरी को खोलने के लिए किया जाता है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक इसका पुराना नाम स्टेंटिंग के साथ वाली कोरोनरी एंजियोप्लास्टी या केवल एंजियोप्लास्टी था। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।ईसीजी में शॉर्क फिन पैटर्न तब आता है, जब दिल को खून पहुंचाने वाली प्रमुख धमनी प्लाक से पूरी तरह ब्लॉक हो जाती है। डॉक्टरों ने तुरंत इमरजेंसी एंजियोग्राफी की तो उसमें प्रॉक्सिमल लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी में भी 100 प्रतिशत ब्लॉकेज दिखी।फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुरुग्राम में इमरजेंसी मेडिसिन के हेड डॉ. मौहम्मद नदीम ने कहा, 'मामूली बेचैनी से परेशान मरीज देखते ही देखते कार्डियक अरेस्ट का शिकार बन गया। लंबे समय तक पुनर्जीवित करने की कोशिशों, मल्टीपल शॉक्स और कार्डियक अरेस्ट के बाद किसी मरीज का जीवित बच पाना बेहद दुर्लभ होता है। इस मामले ने फिर यह याद दिलाया कि सीने की बेचैनी को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।'जब डॉक्टरों ने मरीज को ईसीजी करवाने के लिए कहा तो शुरुआत में मरीज अनिच्छापूर्वक तैयार हुआ। लेकिन दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी बताने वाला यह टेस्ट ही जान बचाने वाला साबित हुआ। इसमें डॉक्टरों को क्लासिक 'शॉर्क फिन' पैटर्न दिखा।


Source: Navbharat Times December 27, 2025 07:55 UTC



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