जनक का माजरा में दिव्यांग युवती से हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस के सामने चुनौती है। पुलिस पहले केस दर्ज करने के लिए बयानों को लेकर उलझी रही। पिता के बयान पर केस दर्ज कर लिया। पुलिस परिवार के लोगों के साथ पीड़िता को लेकर कोर्ट पहुंची। यहां पर बयान रिकॉर्ड नहीं हो पाए। क्योंकि कोर्ट ने कहा कि बिना एक्सपर्ट (जो महिला के हावभाव समझकर बता सके) के बयान रिकॉर्ड नहीं किए जा सकते। हालांकि महिला के हावभाव को उसका पिता भी समझता है, लेकिन परिवार के सदस्य को एक्सपर्ट के तौर पर शामिल नहीं किया गया। अब पुलिस एक्सपर्ट को तलाश कर रही है। सरकारी वकील डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि एक्सपर्ट मिलने के बाद महिला के 164 के बयान रिकार्ड किए जाएंगे।शनिवार शाम को जैसे ही पुलिस के पास यह मामला पहुंचा तो पुलिस गांव में पहुंची। गांव के युवकों और कुछ लोगों को महिला के सामने पेश किया। महिला इनमें से किसी को नहीं पहचान पाई। वारदात के बाद जब पीड़िता वहां से भागने लगी तो गन्ने के खेत के पास गिर गई। एक महिला ने उसे देखकर उठाया। इतने में मुंह पर कपड़ा बांधे आरोपी वहां से भाग गए। रविवार को पुलिस ने वारदात स्थल की भी जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।पीड़ित की उम्र 25 साल है। करीब पांच साल पहले उसकी हुई थी। अभी कोई बच्चा नहीं है। पीड़ित के पिता ने पुलिस को शिकायत दी है कि 17 अगस्त रात नौ बजे बेटी की सास का फोन आया। उन्होंने कहा कि वे जनक का माजरा में जल्दी आ जाए, जरूरी बात करनी है। 18 अगस्त को बेटी के ससुराल पहुंचा। उसने इशारों में बताया कि वह 17 अगस्त शाम साढ़े पांच बजे शौच के लिए खेतों में गई थी। वहां पर तीन युवकों ने उसे पकड़ लिया और दुष्कर्म किया। वह उन्हें नहीं जानती है। पुलिस ने धारा-376 डी में केस दर्ज किया है। पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल कराया। इसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। परिवार की मानें तो घर में टॉयलेट बना हुआ है।
Source: Dainik Bhaskar August 19, 2018 22:18 UTC