Hindi NewsDb originalSelected In Bihar's Tutu Air Force, Got Hurt During Training, Got Boarded, Today Working In An MNC On An Annual Package Of 14 Lakhsखुद्दार कहानी: बिहार की टूटू AIR फोर्स में सिलेक्ट हुई, ट्रेनिंग में चोट लगी तो बोर्ड आउट हो गई; आज 14 लाख पैकेज पर एक MNC में जॉब कर रही हैंनई दिल्ली 9 घंटे पहले लेखक: इंद्रभूषण मिश्रकॉपी लिंकवीडियोपापा आर्मी में थे। घर-परिवार का खर्च ज्यादा था। हम सभी भाई-बहन बाहर रहकर पढ़ाई करते थे। पैसे कम पड़े तो हमें पढ़ाने के लिए पापा ने अपनी जमीनें बेच दी। गांव के लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया कि बेटी को बाहर पढ़ा रहा है और उसके लिए खेत बेच रहा है। तब मुझे भी तकलीफ हुई और मैंने तय कर लिया कि पापा की कोशिशों को कामयाब करना है।हर क्लास में टॉप किया। इंजीनियरिंग के बाद इंडियन एयर फोर्स में सिलेक्शन भी हो गया। ऐसे लगा अब सपने पूरे हो गए। पापा की परी आसमान में उड़ेगी, लेकिन किस्मत को शायद मेरे हिस्से की खुशियां मंजूर नहीं थीं। ट्रेनिंग के दौरान चोट लगी और चंद महीनों में सपने बिखर गए।जब टूटू कुमारी अपनी ये दास्तां हमें बता रही थी तो उनकी आवाज से साफ जाहिर हो रहा था कि वे किन मुश्किल हालातों से गुजरी हैं। आज की खुद्दार कहानी में पढ़िए टूटू की सेटबैक टू कमबैक की स्टोरी...फौज में ऑफिसर बनना चाहती थीजनवरी 2020 में टूटू का चयन एयर फोर्स के लिए हो गया। उनकी ट्रेनिंग हैदराबाद के एयर फोर्स एकेडमी में हो रही थी।बिहार के गोपालगंज की रहने वाली टूटू के पापा आर्मी में हवलदार रहे। पापा की पोस्टिंग की वजह से टूटू की पढ़ाई अलग-अलग शहरों में हुई। उन्होंने 2014 में बरेली से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। वे अपने स्कूल में टॉपर रहीं। इसके बाद IIT मेंस क्लियर किया और आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (AIT) में दाखिला ले लिया। यहां भी टूटू टॉपर रहीं। साल 2017 के अंत में टूटू का कैम्पस प्लेसमेंट हो गया। अगले साल उन्होंने नौकरी भी जॉइन कर ली।हालांकि उनका टारगेट फौज में ऑफिसर बनने का था। नौकरी के साथ वे SSB की तैयारी करती रहीं। उन्होंने एग्जाम भी दिए लेकिन शुरुआत में कामयाबी नहीं मिली। फिर नौकरी के साथ ही कोचिंग भी करने लगीं। 2019 में टूटू ने इंडियन नेवी का एग्जाम क्लियर किया। हालांकि अंतिम लिस्ट में जगह नहीं मिली। चूंकि वे फ्लाइंग ब्रांच के लिए रिकमेंड हुई थीं। इसलिए उनका नाम इंडियन एयर फोर्स को भेजा गया।2020 में इंडियन एयर फोर्स में सिलेक्शन हुआट्रेनिंग के दौरान टूटू कुमारी। अभी दो महीने ही उनकी ट्रेनिंग के बीते थे कि टूटू को पैर में चोट लग गई।25 साल की टूटू बताती हैं कि एयर फोर्स में एरोनॉटिकल इंजीनियर की पोस्ट थी। जबकि मैंने कम्प्यूटर साइंस से बीटेक किया था। इसलिए मुझसे कहा गया कि पहले आपको एक टेस्ट क्लियर करना होगा, फिर ही आपको जॉइनिंग मिलेगी। मैंने तय किया कि ये मौका हाथ से जाने नहीं देना है। लगातार दो दिन मैं सोई ही नहीं और पढ़ाई करती रही। अगले दिन टेस्ट दिया और पास भी हो गई। इसके बाद टूटू बतौर अंडर ट्रेनिंग फ्लाइंग ऑफिसर एयर फोर्स के लिए सिलेक्ट हो गईं। जनवरी 2020 में एयर फोर्स एकेडमी हैदराबाद में वे ट्रेनिंग के लिए चली गईं।मुझे लगा चोट ठीक हो जाएगी, लेकिन मुझे अनफिट डिक्लेयर कर दिया गयाट्रेनिंग के दौरान शुरुआत के दो महीने तो सबकुछ बढ़िया रहा, लेकिन उसके बाद टूटू को रगड़ा के दौरान पैर में चोट लग गई। धीरे-धीरे ये चोट बढ़ती गई। कुछ दिनों बाद उनकी लिम्बस भी टूट गई। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड होना पड़ा। करीब 4 महीने वे अस्पताल में रहीं। इस दौरान टूटू मेंटली बहुत परेशान रहीं। उन्हें लगता था कि वे रिकवर कर लेंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जुलाई 2020 में टूटू को 50% डिसेबिलिटी के साथ फोर्स के लिए अनफिट डिक्लेयर कर दिया गया।टूटू को सिंगिंग का भी शौक रहा है। वे अपने स्कूल-कॉलेज लेवल पर इस तरह के आयोजनों में भाग लेती रही हैं।टूटू के लिए यह सबसे बड़ा सेटबैक था। मंजिल की दहलीज पर पहुंचकर भी वे फौज में ऑफिसर बनने से चूक गईं। परिवार के लिए भी यह मुश्किल घड़ी थी। कुछ दिन टूटू अपसेट रहीं। फिर तय किया कि अब जो होना था वो तो हो गया। इसको लेकर अपने भाग्य को कोसने का कोई मतलब नहीं है। आखिर कब तक आंसू बहाएं।दर्द के बाद भी घंटों पढ़ती रहती थी कि कहीं जॉब मिल जाएपरिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी। छोटे भाई की फीस भी भरनी थी। इसलिए टूटू ने तय किया कि फौज में न सही फौज के बाहर ही सही बेहतर करियर की तलाश की जाए। टूटू कहती हैं कि बोर्ड आउट होने के बाद भी मुझे तत्काल रिलीव नहीं किया गया था। मैं ऑफिसर्स से लगातार गुहार लगाती रही कि मुझे घर भेजा जाए या फिर मुझे पढ़ने की व्यवस्था दी जाए। इसके बाद तय वक्त के लिए मुझे कम्प्यूटर से पढ़ने की इजाजत मिली। पैर में दर्द के बाद भी मैं पढ़ाई करती रही। और नए जॉब की तलाश करती रही।टूटू फैशन शो में भी पार्टिसिपेट करती थीं। कई जगहों पर उन्होंने खिताब भी अपने नाम किया।टूटू बताती हैं कि एक के बाद एक मैंने 20 बड़ी कंपनियों के लिए अप्लाई किया। आप यकीन नहीं करेंगे, मेरा सभी में सिलेक्शन भी हुआ और ऑफर लेटर भी मिला, लेकिन आर्मी से रिलीव नहीं होने के चलते मैं जॉइन नहीं कर सकी। इसको लेकर मैंने कमांडेंट को लेटर लिखा कि मुझे जल्द रिलीव किया जाए ताकि मैं जॉब कर सकूं। फरवरी 2021 में टूटू को रिलीव कर दिया गया। इसके बाद उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिल गई। आज उनका सालाना पैकेज 14 लाख रुपए है और दिल्ली में रहकर जॉब कर रही हैं।आज भी पैर में दर्द रहता है, ठीक से चल नहीं पातीटूटू आज भी पूरी तरह ठीक नहीं हुई हैं। उन्हें पैर में तकलीफ रहती है। चलने में भी दिक्कत होती है। इसलिए कंपनी की तरफ से उन्हें वर्क फ्रॉम होम की सुविधा मिली है। वे कहती हैं, मुझे अपने इलाज में काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। फौज की तरफ से मुझे कुछ नहीं मिला है। मैंने कई लेटर अधिकारियों को लिखा लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। नियम के मुताबिक मुझे
Source: Dainik Bhaskar June 06, 2021 00:22 UTC