जब आपकी कमाई खर्च से ज्यादा होने लगती है तो उस पैसे को इन्वेस्टमेंट के ऑप्शन में डालते हैं। फाइनेंसियल प्लानिंग में सबसे महत्वपूर्ण यह होता है कि वर्तमान के साथ-साथ आप अपने भविष्य को कितना सुरक्षित कर रहे हैं। यह इसलिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अगर आपके साथ कुछ अनहोनी होती है तो परिवार वालों को आर्थिक तंगहाली से नहीं गुजरना पड़े। यही वजह है कि जरूरत के हिसाब इंश्योरेंस कवर की साइज सही हो।इस समय कितनी है आपकी आमदनी इंश्योरेंस कवर डिसाइड करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इस समय आपकी आमदनी कितनी है। किसी तरह की अनहोनी होती है तो परिवार के लिए कितनी रकम जरूरी है ताकि उनको कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।कितनी बड़ी है वित्तीय जिम्मेदारी हर व्यक्ति की वित्तीय जिम्मेदारी अलग अलग होती है। किसी को अपने बूढ़े मां—बाप के लिए हर महीने गांव पैसा भेजना होता है किसी व्यक्ति का होम लोन, कार लोन या बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन चल रहा होता है। आपका किस तरह का लोन चल रहा है या कोई अन्य तरह की वित्तीय देनदारी है, तो इसका हिसाब लगा लें और उसी के हिसाब से रिस्क कवरेज लें।वित्तीय लक्ष्य आने वाले दिनों के लिए आप वित्तीय लक्ष्य तय करें। यदि आपके बच्चों की पढ़ाई चल रही है या फिर उनकी शादी करानी है तो इसमें होने वाले खर्च को भी कवर में शामिल करना जरूरी होता है। आपके पास कोई पैतृक लाइबिलिटी है तो उसे भी कवर में शामिल करें।किस उम्र में कर रहे हैं प्लानिंग अगर आपकी उम्र कम है तो जिम्मेदारी ज्यादा होगी। इसलिए इस उम्र में ज्यादा कवर जरूरी है। अगर बच्चों की पढ़ाई, घर, शादी जैसी जिम्मेदारी नहीं है तो कवर साइज छोटा होने पर भी काम चल सकता है। हालांकि इस बात को नहीं भूलें कि बुढ़ापे में कमाई संभव नहीं है, जबकि खर्च जारी रहते हैं। इसलिए बुढ़ापा का इंतजाम भी अभी ही करना होगा।अलग-अलग जिम्मेदारी के लिए योजना बनाएं अलग-अलग जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट और इंश्योरेंस कवर के लिए अच्छे से प्लानिंग करें। अलग-अलग इन्वेस्टमेंट प्लान को अलग-अलग जिम्मेदारी के हिसाब से तय करें। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियों से आसानी से बचा जा सकता है।
Source: Navbharat Times June 19, 2020 08:26 UTC