कोविड की दूसरी लहर का असर: बार्कलेज ने घटाया भारत की विकास दर का अनुमान, 2022 में 9.2% ग्रोथ रहने की उम्मीद - News Summed Up

कोविड की दूसरी लहर का असर: बार्कलेज ने घटाया भारत की विकास दर का अनुमान, 2022 में 9.2% ग्रोथ रहने की उम्मीद


Hindi NewsBusinessBarclays Cuts India's FY22 GDP Estimate To 9.2% On Second Wave, Slow Pace Of VaccinationsAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपकोविड की दूसरी लहर का असर: बार्कलेज ने घटाया भारत की विकास दर का अनुमान, 2022 में 9.2% ग्रोथ रहने की उम्मीदनई दिल्ली 10 घंटे पहलेकॉपी लिंकब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म ने धीमे वैक्सीनेशन पर चिंता जताईकहा- तीसरी लहर आई तो 7.7 रह सकती है विकास दरब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2022 में भारत की विकास दर के अनुमान में 0.82% की कटौती की है। बार्कलेज ने अपने नए अनुमान में कहा है कि कोविड की दूसरी लहर के आर्थिक प्रभाव के कारण भारत की विकास दर 9.2% रह सकती है। बार्कलेज के चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बाजोरिया का कहना है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी रहने और कई राज्यों में लॉकडाउन लगाए जाने के कारण विकास दर के अनुमान में कमी की गई है।RBI ने 10.5% ग्रोथ का अनुमान जताया हैपिछले महीने अधिकांश एनालिस्टों ने एक जैसे अनुमान जारी किए था। यहां तक कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी रियल जीडीपी में 10.5% की ग्रोथ का अनुमान जताया था। एनालिस्टों ने 8.5% से लेकर 10% से थोड़ा ऊपर ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2021 के लो बेस के आधार पर एनालिस्टों ने 2022 में ज्यादा ग्रोथ का अनुमान जताया था। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.5% की गिरावट रही है।लॉकडाउन से पड़ा बड़ा आर्थिक प्रभावराहुल बाजोरिया का कहना है कि हालांकि भारत में अब कोविड संक्रमण के केसों में कमी आने लगी है। लेकिन इसको रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि हमने वित्त वर्ष 2021-22 के ग्रोथ के अनुमान को 0.82% घटाकर 9.2% कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में आ गई है। यहां तक कि देश के जिन भागों में हालात ज्यादा खराब थे, वहां भी सुधार हो रहा है। इस कारण अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खुल सकती है।दूसरी लहर में ज्यादा केस सामने आएबार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड की दूसरी लहर में ज्यादा केस सामने आए हैं। दूसरी लहर में भारत में कोविड के केसों की संख्या 4 लाख प्रतिदिन और मौतों की संख्या 4500 प्रतिदिन के पार पहुंच गई थी। हालांकि, अब नए केसों की संख्या में कमी हो रही है लेकिन मौतों का आंकड़ा अभी भी ज्यादा बना हुआ है। बार्कलेज का कहना है कि कोविड के केसों में आई अचानक तेजी का मई में आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है।अप्रैल से जून के दौरान 74 बिलियन डॉलर के नुकसान के अनुमानबार्कलेज के नोट में कहा गया है, ''हम उम्मीद करते हैं कि जून 2021 के अंत तक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे। हमारे नए बेस केस के आधार पर हमारा अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 2021 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान 74 बिलियन डॉलर करीब 5.38 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।धीमी वैक्सीनेशन का भी पड़ रहा असरबार्कलेज का कहना है कि भारत में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की गति भी काफी धीमी है। इसका मुख्य कारण लगातार आपूर्ति में कमी और लॉजिस्टिक्स की चुनौतियां हैं। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सितंबर तिमाही में ही स्थितियों में सुधार होगा। धीमे वैक्सीनेशन से मध्यम अवधि में ग्रोथ पर असर पड़ेगा। खासतौर पर तब जब देश में तीसरी लहर आएगी।तीसरी लहर आई तो और घटेगी विकास दरबार्कलेज ने तीसरी लहर के आने पर निराशाजनक परिदृश्य पेश किया है। बार्कलेज का कहना है कि यदि भारत में कोविड की तीसरी लहर आती है तो उसे रोकने के लिए 8 सप्ताह का लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। इससे आर्थिक लागत बढ़ेगी और जीडीपी ग्रोथ घटकर 7.7% पर आ जाएगी।


Source: Dainik Bhaskar May 25, 2021 07:34 UTC



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