अभी कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। चीन के बाद सबसे ज्यादा तबाही ईरान और इटली में कोरोना से फैली है। कोरोना वायरस से पहले भी वायरसों ने इस धरती पर काफी तबाही मचाई है। आइए आज जानते हैं उन वायरसों के बारे में...मारबर्ग वायरस मारबर्ग वायरस की पहचान 1967 में हुई थी। जर्मनी में लैब में काम करने वाले कुछ लोग इसके शिकार हुए थे। पहले यह बीमारी यूगांडा के कुछ बंदरों में फैली थी। वहां से उन बंदरों का आयात जर्मनी में किया गया था। बाद में बंदरों से लैब वर्कर में बीमारी फैल गई है। इसके लक्षण ईबोला की तरह ही थे। संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार आता था और शरीर में ब्लीडिंग होने लगती थी जिससे कई अंग काम करना बंद कर देते थे और संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाती थी। पहली बार जब बीमारी फैली तो मौत की दर 25 फीसदी थी। फिर यह बीमारी 1998-2000 में फैली, उस समय मौत की दर 80 फीसदी से ज्यादा थी।ईबोला वायरस पहली बार यह बीमारी 1976 में सूडान और कॉन्गो में फैली थी। ईबोला संक्रमित व्यक्ति या जानवर के खून या शरीर के अन्य फ्लुड के माध्यम से फैलता है। 2014 में एक बार फिर ईबोला पश्चिमी अफ्रीका में फैला और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई।एचआईवी एचआईवी से ज्यादातर लोग परिचित हैं ही। पहली बार 1980 में इस वायरस की पहचान हुई थी। तब से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अभी के समय में यह सबसे खतरनाक वायरस है। वैसे पावरफुल ऐंटीवायरल ड्रग्स की मदद से पीड़ित कुछ ज्यादा दिनों तक जिंदा रह सकते हैं लेकिन इस बीमारी का अभी कोई खास इलाज उपलब्ध नहीं है। सही समय पर बीमारी का पता चल जाए तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती है।स्मॉलपॉक्स या चेचक 1980 में दुनिया को चेचक मुक्त घोषित किया गया। उससे पहले इंसान हजारों साल तक चेचक से जूझते रहे हैं। बड़ी संख्या में चेचक से लोगों की मौत हुई। अकेले 20वीं सदी में करीब 30 करोड़ लोग इसकी वजह से मारे गए थे। (फोटो: साभार विकिमीडिया कॉमंस)हेंटावायरस हेंटावायरस का पहला मामला अमेरिका में 1993 में सामने आया था। यह बीमारी इंसान से इंसान में नहीं फैलती थी बल्कि चूहे खाकर जो कुछ गिरा देते थे, उसके संपर्क में आने से बीमारी फैलती थी। (फोटो: साभार विकिमीडिया कॉमंस)इंफ्लुएंजा जब कभी भी फ्लू का कोई नया स्ट्रेन पैदा होता है तो उससे महामारी फैलती है और बहुत तेजी में इंसान की मौत होती है। दुनिया में फ्लू से होने वाली अब तक की सबसे खतरनाक महामारी स्पैनिश फ्लू थी। स्पैनिश फ्लू 1918 में फैलना शुरू हुआ। इससे दुनिया की करीब 40 फीसदी आबादी बीमार हो गई थी और करीब 5 करोड़ लोग मारे गए थे। (सांकेतिक तस्वीर)रोटावायरस विकासशील देशों में रोटावायरस छोटे बच्चों का अपना शिकार ज्यादा बनाता है। 2008 में रोटावायरस के संक्रमण से 5 साल से ज्यादा उम्र के करीब 4.5 लाख बच्चों की मौत हो गई थी। रोटावायरस से संक्रमित बच्चों में डायरिया की गंभीर शिकायत पाई जाती है। यह बीमारी बच्चों में मल से फैलती है। जिन देशों में इसका टीका तैयार हो चुका है, वहां इसके मामले काफी कम पाए जाते हैं। (सांकेतिक तस्वीर)सार्स क्रोनावायरस इसका पहला मामला चीन में 2002 में सामने आया था। सार्स से संक्रमित व्यक्ति को सांस संबंधित काफी दिक्कत होती है। इसने 26 देशों को अपना शिकार बनाया था। 8000 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे और दो सालों के अंदर 770 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। (सांकेतिक तस्वीर)
Source: Navbharat Times March 16, 2020 07:18 UTC