कोरोना दौर में लोग पेड़ों को गले लगाकर खुश हो रहे हैं! - News Summed Up

कोरोना दौर में लोग पेड़ों को गले लगाकर खुश हो रहे हैं!


पता नहीं आपमें से कितने लोगों ने ये एक्सपेरिमेंट किया है लेकिन एक बात है कि जब हम किसी से गले मिलते हैं… तो अपना सारा दुख-सुख या कहें कि जो भी फीलिंग होती है उस तक पहुंचा देते हैं। अब कोरोना फैल गया है। तो लोगों ने बना ली हैं दूरियां। ऐसे में कोई किसी को गले लगाए तो लगाए कैसे। हालांकि कई लोगों ने जुगाड़ निकाले भी। लेकिन इजराइल वालों ने गजब का तरीका निकाला। उन्होंने पेड़ों को हग करना शुरू किया।ताकि लोग अलग ना होंइजराइल नैचर और पार्क अथॉरिटी इन दिनों लोगों के बीच सोशल मीडिया के जरिए कोरोना वायरस के कारण बना सेंस ऑफ डिटेचमेंट को दूर करने की कोशिश कर रही है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, Apollonia National Park के मैनेजिंग डायरेक्टर Orit Steinfeld कहते हैं, ‘कोरोना के इस दौर में लोगों को अपने घर के आसपास जाना चाहिए, एक गहरी सांस लेनी चाहिए, पेड़ को गले लगाना चाहिए और अपना प्यार उसके प्रति एक्सप्रेस करना चाहिए।’लोग आ रहे हैं हग करनेFeeling blue? Give a tree a hug. That’s the message Israel’s Nature and Parks Authority is spreading to try to help people overcome the sense of detachment that social-distancing rules can bring https://t.co/noALlWf7M1 pic.twitter.com/DGb8UhERLC — Reuters (@Reuters) July 13, 2020बारबरा ग्रांट Tel Aviv से उत्तर की ओर 15 किलोमीटर दूर जाती हैं। वो एक पार्क में पेड़ों को हग करने के लिए जाती हैं। वो कहती हैं, ‘इंसान को सबसे ज्यादा जरूरत है कनेक्शन की, टचिंग की, गले लगाने की।’ वो अपने पोते-पोतियों को गले नहीं लगा सकती। इसलिए वो प्रकृति को गले लगा रही हैं।और भी बहुत लोग कर रहे हैं ऐसाMoshe Hazan भी वहां आते हैं। वो बताते हैं, ‘हम ज्यादा लोगों को गले नहीं लगा रहे हैं। यहां तक कि अपने बच्चों को भी नहीं, अपने पोते-पोतियों को भी नहीं। ऐसे में पेड़ों को गले लगा एक अच्छा आइडिया है।’ हमारे सहयोगी ‘टाइम्स नाओ‘ के मुताबिक, इजराइल में 40,632 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि Johns Hopkins University के मुताबिक, 365 लोगों की जान ले चुका है ये वायरस और 19,395 लोग रिक्वर कर चुके हैं इससे। तो जनाब, बैठे क्या हैं लगाए आप भी पेड़ को गले और लिखें कि क्या फील किया आपने।Feature Image Source: Reuters


Source: Navbharat Times July 14, 2020 11:58 UTC



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