कई लोगों ने सवाल उठाया है कि वैज्ञानिक रूप से अप्रमाणित इस तमिलनाडु की प्राचीन चिकित्साविधि के इस्तेमाल से मरीज के स्वास्थ्य को खतरा पैदा होता है लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के पंडियाराजन ने इन सवालों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है. के पंडियाराजन ने कहा कि 'यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी इसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर माना है. हम लोगों डोर-टू-डोर जाकर लोगों को यह दे रहे हैं और लोग संतुष्ट हैं.' तमिलनाडु सरकार का दावा ऐसे वक्त में आया है, जब योगगुरू बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को ही कोरोनावायरस का दवा बना लेने का दावा किया है और कोरोनिल और सवसरी नाम से दवा की किट भी लॉन्च कर दी है. हालांकि, आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और पतंजलि अभी इसका प्रचार न करे.
Source: NDTV June 24, 2020 09:56 UTC