कोई किराएदार किराया ना चुका पाए तो मैं दूंगा, कृपया कोरोना के संकट काल में किसी को परेशान ना करें: अरविंद केजरीवाल - News Summed Up

कोई किराएदार किराया ना चुका पाए तो मैं दूंगा, कृपया कोरोना के संकट काल में किसी को परेशान ना करें: अरविंद केजरीवाल


बाद में इसमें मैसूर के राजा भी जुड़े और उन्होंने बेंगलुरू में 300 एकड़ जमीन दी। तब जाकर 1911 में तैयार हुआ इंडियन इंस्टीच्यूट आफ साइंस, जिसमें विश्वेसररैया, सी वी रमन और डा. होमी जहांगीर भाभा जैसे दिग्गज जुड़े। ऐसा संस्थान उस समय इंग्लैंड में भी नहीं था। सी वी रमन को इसी संस्थान में काम करते हुए 1930 में भौतिकी में नोबल पुरस्कार मिला था। इसी से पता चलता है कि वहां किस तरह की अनुसंधान की सुविधा होगी। होमी जहांगीर भाभा ने इसी में काम करते हुए टाटा इंस्टीच्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च का सपना देखा और उसे भी टाटा समूह ने साकार किया। इस संस्थान ने भारत में परमाणु क्षेत्र में अनुसंधान का द्वार खोला।


Source: Navbharat Times March 29, 2020 13:24 UTC



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