केसर की खेती कर किस्मत बदलने में जुटे कुंवरपाल - News Summed Up

केसर की खेती कर किस्मत बदलने में जुटे कुंवरपाल


मुस्लेमीन रामपुर खेती से दोगुनी आमदनी लेने के लिए कुंवरपाल ने परंपरागत खेती को छोड़कर केसर खेत में उगाई है।मुस्लेमीन, रामपुर : खेती से दोगुनी आमदनी लेने के लिए कुंवरपाल ने परंपरागत खेती को छोड़कर केसर खेत में उगाई है। खेती के नए प्रयोग एवं अपनी किस्मत बदलने के प्रयास को प्रशासन ने सम्मानित किया है।कश्मीर की ठंडी वादियों में पैदा होने वाली बेशकीमती केसर (जाफरान) की खेती अब रामपुर में भी होगी। कोइली गांव के कुंवरपाल ने खेती में नया प्रयोग कर रहे हैं। कुंवरपाल और उनके भाई सतवीर के पास अपने गांव में खेती की जमीन नहीं है। उनके पिता चंद्रकेश की पिछले साल मौत हो चुकी है। शाहबाद के गलपुरा गांव में उनकी मां गिरिजावती के नाम जमीन है। लेकिन, उनके गांव से बहुत दूर होने के कारण ठेके पर दे दिया है, जबकि खुद ने अहमदनगर गांव में ठेके पर पांच बीघा जमीन एक रिश्तेदार से ली और केसर की फसल उगाई है। इस समय लहलहा रही है। कुंवरपाल बताते हैं कि अगस्त में केसर के बीज की बोआई की थी। अब फसल चार फीट ऊंची हो चुकी है। मार्च में फूल आने के बाद अप्रैल में केसर तैयार हो जाएगी। इसे बेचने के लिए हिमालय कंपनी और पंतजलि कंपनी से संपर्क किया है।जम्मू कश्मीर गए तो मधुमक्खी पालन छोड़कर बनाया विचारकुंवरपाल बताते हैं कि पहले मधुमक्खी पालन करते थे। उसी सिलसिले में जम्मू कश्मीर भी जाना हुआ। वहां केसर की खेती करने वाले अली मियां एक किसान के संपर्क में आए। इसकी खेती के लिए प्रेरित किया और तैयार हो गए। इसके बाद बीज भी उपलब्ध कराया। कुंवरपाल बताते हैं कि खेती में 30 हजार रुपये बीघा लागत आई है। एक लाख रुपये बीघा आमदनी होने की उम्मीद है। प्रति बीघा एक किलो केसर पैदा होने की उम्मीद है। गुणवत्ता के आधार पर 80 हजार से एक लाख रुपये प्रति किलो आसानी से बिकती है।सही दाम पर बिकवाएंगेजिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि कुंवरपाल द्वारा जनपद में खेती में नया प्रयोग कर सराहनीय कार्य किया गया है। उद्यान विभाग के अफसरों ने इनकी फसल को देखा है। फसल अच्छी है। इसके लिए किसान दिवस के मौके पर इनकी मां गिरिजावती को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। रिकार्ड में खेती मां ही कर रही है। इसे सही दाम पर बिकवाने का भी प्रयास करेंगे।शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप


Source: Dainik Jagran December 31, 2020 19:29 UTC



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