नागौर विधानसभा उपचुनाव में पत्नी कनिका बेनीवाल की हार के बाद हनुमान बेनीवाल ने भाजपा सरकार पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया। शनिवार को चुनाव परिणाम के बाद नागौर में उनके आवास के बाहर कार्यकर्ता जुटे थे। भाजपा पर आरोप लगाने के बाद बेनीवाल ने. दरअसल, खींवसर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कनिका बेनीवाल की हार के बाद बड़ी संख्या में हनुमान बेनीवाल के समर्थक उनके घर के बाहर इकट्ठा हुए थे। बेनीवाल घर से बाहर आए। वे दरवाजा पकड़ कर गेट पर ही खड़े रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा- भाजपा सरकार और कांग्रेस ने मिलकर हमारे खिलाफ लड़ाई में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया। इसके बावजूद हमें पिछले चुनाव से 15 हजार वोट ज्यादा मिले हैं। इतना कहकर उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया। बेनीवाल के दरवाजा बंद करने के बाद समर्थक थोड़ी देर खड़े रहे और फिर चले गए।खींवसर में हार के बाद हनुमान बेनीवाल अपने घर के बाहर समर्थकों को संबोधित करते हुए। उन्होंने कहा कि हम कमजोर नहीं हुए हैं। हमें 2023 के चुनाव से ज्यादा वोट मिले हैं।इससे पहले हार घोषित होने के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं के सामने शनिवार को बेनीवाल ने कहा कि हार के बाद भी आप लोग मेरे साथ हो। आने वाले 4 साल में हमें पेपर लीक, बजरी माफिया, अपराध के मुद्दों पर राजस्थान को बचाने के लिए सड़कों पर लड़ना होगा। हम जीरो पर आ गए हैं। इस चुनाव में कांग्रेस की दुर्दशा हुई है। कांग्रेस के वोट के हालात देखो। राजा साहब (गजेंद्र सिंह खींवसर) रोए कि मूंछ कट जाएगी, इस वजह से भी भाजपा के वोट बढ़े।घर पर कार्यकर्ताओं काे संबोधित करने से पहले बेनीवाल ने काउंटिंग स्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि हार के बावजूद राजस्थान के लिए सड़क पर लड़ाई लड़ेंगे।बेनीवाल ने कहा कि नौजवानों को धन्यवाद देता हूं कि इस चुनाव में मेरा साथ दिया। भाजपा ने जीतने के लिए धनबल और सत्ता का दुरुपयोग किया। एमएलए कोटे का पैसा खर्च नहीं होने दिया। एमपी कोटे का पैसा अटका दिया। बिजली विभाग में रातों-रात काम कराकर आचार संहिता की धज्जियां उड़ाईं।मेरे स्कूल में पढ़ा व्यक्ति ले गए और दूल्हा बना दिया बेनीवाल ने कहा कि हम हारकर भी जीते हैं, पिछली बार करीब 80 हजार वोट मिले थे, इस बार 15 हजार वोट बढ़े हैं और करीब 95 हजार वोट मिले हैं, हमें निराश होने की जरूरत नहीं हैं। हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी प्रत्याशी रेवंतराम डांगा पर निशाना साधा। कहा- मेरी पीठ पर धुरा घोंपा गया है। मेरे स्कूल में पढ़े व्यक्ति को ले गए और दुल्हा बना दिया। बीजेपी के पास तो खुद का प्रत्याशी भी नहीं था।रेवंतराम डांगा ने जीत के बाद कहा था- गठबंधन से जीतते आए नागौर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा की जीत हुई। जीत के तुरंत बाद डांगा ने कहा था कि हनुमान बेनीवाल जीरो पर आ गए हैं। वे हमेशा गठबंधन के सहारे जीतते आए थे। कभी भाजपा से गठजोड़ किया और कभी कांग्रेस से। खुद के दम पर वे नहीं जीत सकते थे। अब उन्हें घर बैठा दिया है। विधानसभा में उनका नाम लेने वाला कोई नहीं है।जीत के बाद भाई के गले लगकर रोने लगे भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा (साफे में)।डांगा ने कनिका बेनीवाल को 13901 वोटों से हराया बता दें कि खींवसर विधानसभा सीट के उपचुनाव कांग्रेस से डॉ. रतन चौधरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कनिका बेनीवाल, भारतीय जनता पार्टी से रेवंतराम डांगा समेत कुल 12 प्रत्याशी के बीच मुकाबला था। जिसमें भाजपा के रेवंतराम डांगा ने कनिका बेनीवाल को 13901 वोटों से हरा दिया। हनुमान बेनीवाल के लिए यह चुनाव कितना जरूरी था, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी पत्नी को ही चुनाव मैदान में खड़ा किया था।खींवसर के चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा नेता ज्योति मिर्धा ने बोतल से पानी फेंककर जश्न मनाया। ज्योति मिर्धा को लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने हरा दिया था।रिछपाल मिर्धा बोले- हनुमान को ‘विभीषणों’ के दम पर हराया हनुमान बेनीवाल की हार के बाद डेगाना के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा ने आरएलपी प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि हनुमान को ‘विभीषणों’ के दम पर हराया है, उनके विभीषण हमारे साथ थे।डेगाना के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा ने आरएलपी प्रमुख पर साधा था निशाना।उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा की जीत के बाद मिर्धा ने कहा- खींवसर में आज जो हुआ। ये जीत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, सीएम भजनलाल शर्मा और खींवसर की जनता की वजह से संभव हुई है। जो लोग पहले चुनाव जीतते आए, उनको इतना घमंड हो गया था कि ऊपर भगवान, नीचे हनुमान।-------राजस्थान में उपचुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए....डोटासरा कौनसे गीतों पर डांस करेंगे, किरोड़ी कैसे मुंह खोलेंगे:राजस्थान उपचुनाव में परिवार हारे, बेनीवाल के हाथ से मिटी ‘जीत की रेखा'राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव के परिणामों में भविष्य के लिए बहुत कुछ छुपा है। परिणामों ने जातिवाद के माध्यम से लोगों को बांटने वालों को बेनकाब कर दिया। पारिवारिक मोह से भी पीछा छुड़ा लिया।(पूरी खबर पढ़ें)किरोड़ीलाल मीणा भाई को उपचुनाव में क्यों नहीं जिता पाए? :परिवारवाद-जनरल कास्ट की नाराजगी पड़ी भारी; बेनीवाल का सियासी गढ़ ढहा, विधानसभा में RLP साफविधानसभा उपचुनाव में जीते 7 विधायकों की डिटेल प्रोफाइल:कांग्रेस और RLP के गढ़ में जीती बीजेपी; कांग्रेस प्रत्याशी ने मंत्री के भाई को हरायाभाजपा ने कैसे तोड़ा उपचुनाव का रिकॉर्ड? :झुंझुनूं में 21 साल बाद जीत मिली; रामगढ़ में 'बंटोगे तो कटोगे' नारे से धार्मिक गोलबंदी कीभाई की हार पर किरोड़ी का दर्द,लिखा-मुझे अपनों ने मारा:कुछ जयचंदों के कारण भाई का कर्ज नहीं चुका पाया; भितरघातियों ने बाण चलाया
Source: Dainik Bhaskar November 24, 2024 11:23 UTC