कारोबार / हीरा उत्खनन में अव्वल आना चाहता है रूस, -55 डिग्री सेल्सियस में भी खुदाई करते हैं कर्मचारी - News Summed Up

कारोबार / हीरा उत्खनन में अव्वल आना चाहता है रूस, -55 डिग्री सेल्सियस में भी खुदाई करते हैं कर्मचारी


Dainik Bhaskar Jul 17, 2019, 07:55 AM ISTमॉस्को. रूस में याकुतिया ऐसी जगह है, जहां ठंड के मौसम में तापमान -60 डिग्री से भी नीचे पहुंच जाता है। यहां ठंड के दिनों में कड़ाके की सर्दियां पड़ती हैं और यह करीब नौ महीनों तक बर्फ से ढंका रहता है। याकुतिया के मिर्नी शहर में रूस की सबसे बड़े हीरे की खदान है। हीरे के लिए यहां मजदूर -55 डिग्री सेल्सियस तापमान में खुदाई का काम करते हैं। इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मानव निर्मित होल भी माना जाता है।यहां जुलाई में रातें छोटी होने लगती है और तापमान करीब 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस इलाके में तेल, गैस और कीमती पत्थरों की बहुलता है। रूस की हीरा खदान कंपनी अलरोसा मुख्य रूप से यहां खुदाई करती है।सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी ने मिर्नी के 35000 लोगों को रोजगार दिया है। कुछ स्थानीय लोगों ने कंपनी की आलोचना की है। उनका कहना है कि खुदाई के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। खदान की गहराई करीब 525 मीटर है, जबकि इसका व्यास एक किमी से भी ज्यादा है।सबसे अधिक हीरा उत्पादन करने वाली रूस की खदान बोटुबिन्स्काया फिलहाल 130 मीटर गहरी है, लेकिन कंपनी ने 580 मीटर तक खुदाई करने की योजना बनाई है। यहां 6.2 कैरेट तक के हीरे मिलते हैं। इनकी छंटाई के बाद इन्हें दुनियाभर के देशों में भेजा जाता है।कर्मचारी इरीना सेनयुकोवा ने कहा- खुदाई के दौरान खदान का तापमान सर्दियों में -55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस कारण हीरे निकालने के लिए विस्फोटक का इस्तेमाल करना पड़ता है। खदान के डिप्टी चीफ मिकाइल ड्याचेंको ने कहा- ठंड की वजह से मशीनें खराब होने लगती है।


Source: Dainik Bhaskar July 17, 2019 02:26 UTC



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