कांग्रेस ने बोला हमला, कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा हुआ बेनकाब - News Summed Up

कांग्रेस ने बोला हमला, कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा हुआ बेनकाब


नई दिल्‍ली, एजेंसी। कांग्रेस ने आज बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार पर चौतरफा हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज दो महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर अपना फैसला दिया है जो केंद्र सरकार के कुशासन और कुनीतियों पर एक तमाचा है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष द्वारा 17 बागी विधायकों को अयोग्‍य ठहराए जाने के आदेश पर मुहर लगाई है यानी शीर्ष अदालत ने अपने फैसले से इसे दोबारा स्‍थापित किया है कि दलबदल एक अपराध है। इससे केंद्र और कर्नाटक की भाजपा सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है।इस प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस ने अपने तीन बड़े नेताओं को उतारा। शुरूआत अभिशेक मनु सिंघवी ने की। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश से यह साफ हो गया है कि कर्नाटक में तत्‍कालीन विधानसभा अध्‍यक्ष ने जो विधायकों को अयोग्‍य करार देने का जो फैसला दिया था वह सही था। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ बदलाओं के साथ उस फैसले का बरकरार रखा है। केंद्र और राज्‍य की भाजपा सरकारों का चरित्र एकबार फ‍िर लोगों के सामने आ गया है। वहीं इसी फैसले पर कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा को अपना नाम बदलकर भगोड़े जुटाओ पार्टी रख लेना चाहिए।सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने भाजपा के ऑपरेशन कमल के ढोल की पोल खोल दी है। इस फैसले से साबित होता है कि भाजपा ने कर्नाटक में एक चुनी हुई सरकार को छल के बल पर गिराया था। उन्‍होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक की येदियुरप्‍पा सरकार कानून के नजरिए से एक नाजायज सरकार है। उन्‍होंने मांग की कि सरकार गिराने के सिलसिले में आए कथित टेपों के हवाले से जो धन बल के इस्‍तेमाल के आरोप सामने आए हैं, उनके मसले पर भी जांच होनी चाहिए।इसके बाद कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जयराम रमेश सामने आए। उन्‍होंने इस प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मेरी याचिका पर फैसला सुनाया है। पांच न्‍यायधीशों की बेंच ने जो फैसला सुनाया है वह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी जीत है। पहली फरवरी 2017 को तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए 19 विशेष ट्रिब्‍यूनल में संशोधन का प्रस्‍ताव किया था। यह संशोधन प्रस्‍ताव मनी बिल के रूप में सामने आया था। जैसा आप जानते हैं मली बिल पर केवल लोकसभा को संशोधन का अधिकार होता है। इस पर कई सदस्‍यों ने आवाज उठाई कि इससे कई ट्रिब्‍यूनल को कमजोर किया जा रहा है।दिग्‍गज कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मैंने इस मामले को लेकर जो याचिका दाखिल की थी उस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे लार्जर बेंच के पास भेजा जाना चाहिए। इसका मतलब यह है कि शीर्ष अदालत ने इस मसले को नकारा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि फाइनेंस एक्‍ट 2017 के तहत जो संशोधन लाए गए थे वे नकारे हैं। अदालत ने कहा है कि ये संशोधन नहीं हो सकते हैं। इसके लिए कथित तौर पर लोकसभा और राज्‍यसभा में बहस होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सरकार ने फाइनेंस एक्‍ट 2017 के तहत जो नियम बनाए हैं वो गैरकानूनी है। उन्‍होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले से मोदी सरकार की मंशा पर करारी चोट की है।Posted By: Krishna Bihari Singhअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Source: Dainik Jagran November 13, 2019 10:55 UTC



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