उद्योग जगत में सकारात्मक माहौल बन गया है। कैपिटल गुड्स और इंजीनियरिंग सेक्टर में अच्छी ग्रोथ है। सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास में खर्च बढ़ाया है। निजी कंपनियों का कैपेक्स भी बढ़ रहा है। ये ट्रेंड वर्तमान के साथ ही लॉन्ग टर्म के लिए काफी अच्छा है। क्षमता विस्तार हो रहा है और नया निवेश आ रहा है।हाल के महीनों में व्यापार के ट्रेंड्स में कोई बदलाव हुआ है? इंडस्ट्री में ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ रही है। GST आ गया है, ई-वे बिल आ गया है। इसकी वजह से अब पूरा बिजनेस ऑर्गनाइज्ड हो रहा है। कंपनियों की मजबूरी है कि वे अब नियम-पालन करके काम करें। इसकी वजह से एक व्यवस्थित ग्रोथ भी दिख रही है।डीजल की ऊंची कीमतों का लॉजिस्टिक्स पर क्या असर है? ईंधन की कीमतें बढ़ने का असर हम पर सीधे उतना नहीं पड़ता, क्योंकि हम बढ़ी हुई ईंधन की लागत को कस्टमर को फारवर्ड कर देते हैं, लेकिन इसकी वजह से अन्य लागतों पर असर जरूर पड़ता है।रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में लॉकडाउन का इंडस्ट्री पर क्या असर हुआ है? बिलकुल असर पड़ेगा, और पड़ भी रहा है। कुछ चीजें महंगी हो गई हैं, कुछ की उपलब्धता घट गई है। हालांकि लॉजिस्टिक की लागत का असर हर सेक्टर पर अलग-अलग पड़ता है। टीवी या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की लॉजिस्टिक कॉस्ट कम है, लेकिन सीमेंट की लागत में लॉजिस्टिक की हिस्सेदारी 25-30 फीसदी तक होती है।इन चुनौतियों के बीच आपकी कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहा? नतीजे काफी अच्छे रहे। कंटेनर के रेट और वॉल्यूम बढ़ने का हमें काफी फायदा मिला है। हमारा टर्नओवर बढ़कर 3,300 करोड़ का हो गया है और साल भर में 290 करोड़ का मुनाफा हुआ है। 2023 में भी हमें रेवेन्यू में 10 से 15 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
Source: Dainik Bhaskar June 04, 2022 08:11 UTC