यही नहीं यहां इतने मात्रा में दुग्ध का उत्पादन हो रहा है कि दूसरे गांवों को भी दुग्ध की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन आज ये गांव दुग्ध उत्पादन में ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन गया है, बल्कि दूसरे गांवों को भी दुग्ध आपूर्ति कर रहा है. इतना ही नहीं आस पास के गांवों की भी दुग्ध आपूर्ति की जा रही है. एक ऐसे गांव के लिए जहां एक भी दुधारू पशु नहीं था, अब आजीविका के लिए सबसे बड़े साधन के रूप में पशुपालन का बदलता रूप वहां के लिए किसी क्रांति से कम नहीं है. बोलबोला गांव की सफलता से प्रेरित होकर आसपास के छोटे गांव भी दुग्ध उत्पादन की ओर अग्रसर हो रहे हैं.
Source: Dainik Jagran May 30, 2023 08:56 UTC