इस साल 9-10 फीसद पर ही सिमट सकती है एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर - News Summed Up

इस साल 9-10 फीसद पर ही सिमट सकती है एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर


नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग में कमी एफएमसीजी कंपनियों के लिए दिक्कत बनने जा रही है। डाटा एनालिटिक्स कंपनी नील्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मांग में इस कमी के चलते इस वर्ष एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर 9-10 फीसद पर सिमट सकती है। इस साल की पहली छमाही में सेक्टर की विकास दर 12 फीसद रही है और इसके 14 फीसद तक रहने का अनुमान लगाया गया था। आमतौर पर ग्रामीण भारत एफएमसीजी यानी तेजी से बिकने वाले रोजमर्रा जरूरत के उत्पादों (चाय, बिस्किट, साबुन, डिटर्जेट, टूथपेस्ट जैसे वे सभी सामान जिनकी खपत अमूमन रोज होती है) की कुल बिक्री में 37 फीसद की हिस्सेदारी रखता है।वैसे तो देश के ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी की वृद्धि शहरी इलाकों के मुकाबले पांच फीसद तक अधिक रही है। लेकिन उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी उत्पादों की मांग बेहद धीमी रही है। पश्चिम भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भी एफएमसीजी उत्पादों की बिक्री में कमी आ रही है। इन दोनों क्षेत्रों में इस वर्ष दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून, 2019) में वृद्धि दर 10 फीसद से नीचे रह गई है। उत्तर भारत की वृद्धि दर 8.8 और पश्चिम भारत की 8.7 फीसद रही है। इन दोनों क्षेत्रों में हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्य एफएमसीजी कंपनियों को मंदी में ले जाने की वजह बन रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर 14 फीसद रही थी। इस अवधि में इन कंपनियों की बिक्री 4.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की रही। नील्सन इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (क्लाइंट सॉल्यूशंस) सुनील खियानी ने बताया कि ग्रामीण भारत की कुल बिक्री में 60 फीसद खर्च खाद्य उत्पादों पर होता है। इनमें नमकीन स्नैक्स व बिस्किट भी शामिल हैं। शहरी क्षेत्रों में भी बिक्री में कमी आई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में यह गिरावट शहरों के मुकाबले दोगुनी है।हालांकि, नील्सन ने भरोसा जताया है कि आने वाली तिमाहियों में खाद्य उत्पादों की श्रेणी में वृद्धि की ऊंची दर रहेगी। यह 10-11 फीसद तक जा सकती है। पर्सनल केयर और होम केयर उत्पादों की श्रेणी में वृद्धि की दर आठ फीसद तक पर सीमित रह सकती है। रिपोर्ट में इस वर्ष की तीसरी तिमाही में सात-आठ फीसद की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है। साथ ही दूसरी छमाही की वृद्धि दर आठ फीसद रहने का अनुमान है।खियानी के मुताबिक अप्रैल-जून, 2016 के दौरान एफएमसीजी सेक्टर की विकास दर सबसे कम 2.4 फीसद रही थी। इस वर्ष भी पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह 9.9 फीसद रही थी जो दूसरी तिमाही में घटकर 6.2 फीसद रह गई। लगातार तीसरी तिमाही में भी इसमें गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य उत्पादों समेत टॉयलेट सोप जैसे गैर-खाद्य उत्पादों की बिक्री विकास दर में भी गिरावट आ रही है।Posted By: Pawan Jayaswal


Source: Dainik Jagran July 18, 2019 05:15 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...