19 नवंबर कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र दिन बृहस्पतिवार को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर शुभ अभिजीत मुहूर्त में भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद हो गए हैं। अब इस धाम में भक्तों को भगवान के दर्शन अगले साल अक्षय तृतीया के बाद होंगे।आज कपाट बंद होने के अवसर पर यहां पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर को भव्यरूप से फूलों से सजाया गया और दानी दाताओं ने भंडारे भी आयोजित किए। आज इस प्रक्रिया की शुरुआत ब्रह्म मुहुर्त में प्रात: 4.30 बजे मंदिर खुलने के साथ हुई। नित्य भोग के पश्चात 12.30 बजे शायंकालीन आरती शुरू हुई इसके पश्चात मां लक्ष्मी पूजन शुरू हुआ और अपराह्न 1 बजे शयन आरती संपन्न हो गयी। इसके पश्चात रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू की गयी। माणा ग्राम से महिला मंगल द्वारा बुना गया घृत कंबल भगवान बद्री विशाल को ओढ़ाया गया।लक्ष्मी माता के मंदिर में आगमन होते ही श्री उद्धवजी एवं श्री कुबेरजी सभा मंडप होते मंदिर प्रांगण में पहुंचे। इसी के साथ विभिन्न धार्मिक रस्मों का निर्वहन करते हुए अपराह्न ठीक 3 बजकर 35 मिनट पर श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गए। इस अवसर पर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन उनियाल सहित वेदपाठी पुजारीगण, हकहकूकधारी जिला प्रशासन पुलिस एवं सेना के अधिकारी मौजूद रहे।प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में देश-विदेश के श्रद्धालुओं को बधाई दी है तथा लोक मंगल की कामना की। पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा के सफल समापन पर बधाई दी। विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक बदरीनाथ एवं देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, चारधाम विकास परिषद उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने चार धाम यात्रा समापन पर प्रसन्नता जताई है।आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए तथा तीन लाख दस हजार यात्री चार धाम पहुंचे है। इसमें 134981 तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे, 23837 श्रद्धालु गंगोत्री धाम एवं 7731 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम दर्शन को पहुंचे। देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम हेतु साढ़े तीन लाख ई पास जारी किए गए। उन्होंने चार धाम यात्रा के सफल समापन हेतु सभी का आभार भी जताया है।कल प्रात: 9.30 बजे श्री उद्धवजी श्री कुबेरजी आदि गुरू शंकराचार्यजी की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगे। श्री उद्ववजी एवं श्री कुबेरजी शीतकाल में योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में निवास करते है जबकि 21 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्यजी की गद्दी के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित धर्माधिकारी वेदपाठीगण तथा देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी श्रीनृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।इसी के साथ श्रीयोगध्यान बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में परंपरागत रूप से शीतकालीन पूजाएं चलती रहेंगी। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया है श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर, श्री यमुनोत्री एवं केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद हो चुके हैं।जबकि तृतीय केदार श्री तुंगनाथजी के कपाट 4 नवंबर, रूद्रनाथ जी के 17 अक्टूबर, श्री भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी आज अपराह्न 3 बजकर 35 बजे बंद हो गए। द्वितीय केदार मद्महेश्वरजी के कपाट आज 19 नवंबर को प्रात: बंद हुए है। जबकि सिक्खों के पवित्र गुरू द्वारा श्री हेमकुंड साहिब तथा श्री लक्ष्मण मंदिर लोकपाल तीर्थ के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद किए जा चुके हैं।ओमप्रकाश भट्ट/गोपेश्श्वर
Source: Navbharat Times November 19, 2020 18:22 UTC