क्रिकेट करियर के दौरान इमरान खान बाउंसर फेंकने के आदी थे लेकिन हाल के दिनों में उन्हें अपनी पूर्व पत्नी रेहम खान की तरफ से फेंके जा रहे बाउंसर झेलने पड़ रहे हैं। रेहम खान ने अपनी किताब में इमरान को गे, ड्रग अडिक्ट तक बताया है। लेकिन अब इमरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रह है। ऐसे में रेहम खान से हमारे सहयोगी 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से बातचीत की और बताया कि क्यों उन्हें ऐसा लगता है कि इमरान अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे? पेश है इस बातचीत के अंश...मैं कभी भी इस भ्रम में नहीं थी कि मेरी किताब उनकी जीत को रोकेगी। बहरहाल, यह उनकी जीत नहीं है, यह सबकुछ गढ़ा हुआ है। इमरान बस डायरेक्टर के ऐक्टर हैं और डायरेक्टर सेना है। इमरान एक गलत आदर्श हैं, जिनके पदचिह्नों पर युवा चलें। अपने घर के अंदर वह एक आजाद आदमी की तरह रहते हैं और उसके बाद बाहर वह ईशनिंदा कानून की बात करते हैं। आप सही हैं कि उनकी प्लेबॉय वाली छवि से उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। हमारे समाज में, महिलाएं ही वेश्या होती हैं।नहीं, मैं बदला लेनेवाली महिला नहीं हूं। मैंने किताब लिखने के लिए इंतजार किया क्योंकि मेरी भावनाएं उस समय काफी नई थीं। मुझे उम्मीद है कि कई लोग मेरी कहानी में अपनी कहानी ढूंढेंगे। मेरी तरह, कई लड़कियां बेकार लड़कों के चक्कर में पड़ती हैं। अधिकतर बीवीयों की तरह ही मैंने भी इमरान की गलतियों और बुरी आदतों पर पर्दा डालने की कोशिश की जिनमें ड्रग इस्तेमाल भी शामिल है। मैं हाल ही में संजू फिल्म देखते-देखते रो पड़ी थी। बाथरूम वाले सीन ने मुझे इमरान की याद दिला दी थी।मैं इमरान से पूरी तरह सहमत हूं। मुझे लगता है कि वह मेरी ग्लैमरस छवि से प्रभावित थे और इसलिए मैं उनके लिए सदमा थी। मैं एक प्रफेशनल, सेल्फ मेड महिला, वर्कहॉलिक, शराब से दूर रहने वाली और ऐंटी-ड्रग्स कैंपेनर हूं। लंदन की कोई रईस नहीं, जैसा वह उम्मीद कर रहे थे। मुझे उनके सिलेब्रिटी स्टेटस से सबसे ज्यादा परेशानी थी और वह मुझसे अपने लिए ऐसे व्यवहार की उम्मीद करते थे जैसे वह अल्लाह हों।मैंने कभी यह नहीं बताया कि हमारे बीच क्या हुआ। रही बात दूसरी जानकारियों की तो यह सिर्फ वे हैं जो मैंने देखा या जो मुझे उन्होंने बताया। उन्होंने मुझे अपने नाजायज बच्चों के बारे में बताया। मेरी किताब सेक्स और तलाक के बारे में नहीं है। शादियां रोज टूटती हैं। दिक्कत यह है कि कैसे सेक्सुअल और आर्थिक हितों को पीटीआई में लाया जा रहा है। सिर्फ करीबियों को तरक्की मिल रही है।पहली बात, मैं ब्रिटिश नागरिक हूं तो मैं कानूनन चुनाव नहीं लड़ सकती। दूसरी बात, पाकिस्तान की राजनीति मेरे लिए बहुत गंदी है और उसके बाद मेरे पीछे पैसा खर्च करने वाला कोई नहीं है। लोग कहते हैं कि मैंने इमरान की पत्नी रहते हुए राजनीति में धांधली की लेकिन मैं कभी किसी मीटिंग में बैठी तक नहीं और न ही टिकट बंटवारे में ही दखलअंदाजी की। हां, इमरान कई बार मुझसे राय मांगते थे लेकिन मैं उसे नजरअंदाज कर देती थी।देखिए, वह भारतीय मीडिया ही है जिसने इमरान को हीरो बनाया है। इमरान तभी तक दोस्त हैं जब तक उनका फायदा हो। पीटीआई ही 'बल्ला घुमाओ, भारत भगाओ' जैसे सोशल ट्रेंड्स के पीछे थी।आप उनकी बॉडी लैंग्वेज देखिए। उन्हें पता है कि उन्होंने यह जनाधार चोरी किया है। सेना एक जूता पॉलिश करने वाला चाहती थी और मौजूदा समय में इमरान से अच्छा यह काम कोई नहीं कर सकता। लेकिन मुझे लगता है कि कृपा कुछ दिन ही बनी रहेगी।
Source: Navbharat Times July 29, 2018 06:53 UTC