इटली के नोर्टोसे कस्बे में बस दो लोग रहते हैं, ये दूर से ही मिलते हैं और मास्क लगाना नहीं भूलते - Dainik Bhaskar - News Summed Up

इटली के नोर्टोसे कस्बे में बस दो लोग रहते हैं, ये दूर से ही मिलते हैं और मास्क लगाना नहीं भूलते - Dainik Bhaskar


Hindi NewsHappylifeItaly Coronavirus News, Nortosce Update; Italian Town Two Residents Who Insist On Wearing COVID Masksकोरोना नियमों का पालन इनसे सीखें: इटली के नोर्टोसे कस्बे में बस दो लोग रहते हैं, ये दूर से ही मिलते हैं और मास्क लगाना नहीं भूलते42 मिनट पहलेकॉपी लिंकजियोवेनी केरिली (82) और जियामपीरो नोबिली (74) दोनों ही रिटायर्ड हैं और हर समय मास्क लगाकर रखते हैं।यहां रहने वाले नोबिली कहते हैं कि महामारी में लागू हुए नियमों को नहीं मानना देश को शर्मिंदा करने जैसा हैकेरिली कहते हैं कि जब भी मुझे शहर जाना पड़ता है तो मैं बीमार महसूस करता हूं, मुझे शहर के शोर से नफरत हैदुनियाभर में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाले देशों के लिए एक मिसाल है इटली का नोर्टोसे। इस कस्बे में सिर्फ दो लोग रहते हैं। फिर भी दोनों सख्ती से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं और मास्क लगाना कभी नहीं भूलते। दोनों ही रिटायर्ड हैं।जियोवेनी केरिली (82) और जियामपीरो नोबिली (74) हर समय मास्क लगाकर रखते हैं। मुलाकात होने पर कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखते हैं। इनका कोई पड़ोसी नहीं है, बमुश्किल ही ये दोनों नगर के बाहर जाते हैं। नोर्टोसे कस्बा नेरिना वैली से करीब 900 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पर पहुंचना भी आसान नहीं है।नोर्टोसे नगर नेरिना वैली से करीब 900 मीटर की ऊंचाई पर है, यहां पहुंचने के लिए सिर्फ एक सड़क है, वहां भी सन्नाटा पसरा रहता है।केरिली और नोबिली मानते हैं कि वो दोनों ही वायरस से सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि इटली में 37 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। केरिली कहते हैं, मुझे वायरस से होने वाली मौत से डर लगता है। अगर मैं संक्रमित हुआ तो मेरी देखभाल कौन करेगा। बेशक मैं बूढ़ा हो गया हूं, लेकिन अपनी भेड़, शराब, मधुमक्खी के छत्तों और ऑर्चर्ड के पेड़ों की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।जियोवेनी केरिली कहते हैं, बेशक मैं बूढ़ा हो गया हूं, लेकिन अपनी भेड़ों की देखभाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।मास्क ना लगाने पर 1.21 लाख रुपए तक का फाइनइटली में आप घर में हैं या बाहर, मास्क और एक मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। मास्क न लगाने पर यहां 48 हजार से लेकर 1.21 लाख रुपए तक फाइन लगाया जाता है। नोबिली कहते हैं, महामारी के इस दौर में लागू हुए नियमों को नहीं मानते हैं तो यह देश को शर्मिंदा करने जैसा है। सेहत के लिहाज से भी इन नियमों को मानना जरूरी है।नोबिली कहते हैं, यहां सवाल अच्छे या बुरे का नहीं, बल्कि खुद को बचाने का है। मैं घर में किसी मेहमान के साथ बैठता हूं तो 2 मीटर की दूरी बनाकर रखता हूं।केरिली का बचपन इसी गांव में बीता है। नौकरी की तलाश में वह रोम गए थे, लेकिन रिटायरमेंट के बाद गांव लौटे। नोबिली केरिली के बहनोई के भाई हैं। नोबिली उम्र के इस पड़ाव पर भी जूलरी बनाने का काम करते हैं। वह कहते हैं कि आसपास के जंगल और प्रकृति की खूबसूरती उन्हें इंस्पायर करती है।जियामपीरो नोबिली उम्र के इस पड़ाव भी जूलरी डिजाइनिंग का काम करते हैं।90 के दशक में भूकंप आए इसलिए लोग नगर को छोड़ रोम चले गएवह कहते हैं- 90 के दशक में यहां लगातार भूकंप आ रहे थे और काफी कुछ तबाह हो गया। धीरे-धीरे यहां के ज्यादातर लोग काम की तलाश में रोम और दूसरे शहर चले गए। अक्सर कैरिली अपने कुत्ते और 5 भेड़ों के साथ वॉक पर निकलते हैं जहां उनकी मुलाकात नोबिली से होती है।शहर से जोड़ने वाली सिर्फ एक ही सड़क, वहां भी सन्नाटानोर्टोसे को शहर से जोड़ने वाली एक ही सड़क है, जहां से कोई गुजरता तक नहीं है। रोड पर वही लोग नजर आते हैं, जो नोर्टोसे आना चाहते हैं। वो भी गर्मियों की छुट्टियों में दिखते हैं, जब लोग अपने पैतृक गांव कुछ समय बिताने पहुंचते हैं।यहां कोई भी होटल, रेस्तरां और मार्केट नहींकेरिली कहते हैं, यहां होटल, रेस्तरां और मिनी-मार्केट तक नहीं है। जरूरी सामान की खरीदारी के लिए शहर जाना पड़ता है। हम यहां पर सिम्पल लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। जहां शांति है, ताजी ऑक्सीजन है, साफ झरने का पानी है। जब भी मुझे शहर जाना पड़ता है तो मैं बीमार महसूस करता हूं, मुझे शहर के शोर से नफरत है।यहां की लाइफस्टाइल बेहद खूबसूरत है, लेकिन यहां न तो डॉक्टर हैं और न ही कोई फार्मेसी।


Source: Dainik Bhaskar October 19, 2020 23:32 UTC



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