डिपॉजिट अमाउंट कवरेज आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2021 के अंत तक कुल इंश्योर्ड डिपॉजिट 76,21,258 करोड़ रुपये था। यह 1,49,67,776 करोड़ रुपये के कुल बैंक डिपॉजिट का 50.9 फीसदी है। इसका मतलब है कि बैंकों में जमा करीब 49.1 फीसदी डिपॉजिट पर DICGC का डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर नहीं है। बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है लेकिन इसमें सभी डिपॉजिट शामिल नहीं है। यह कवर सभी बैंकों के लिए उपलब्ध है लेकिन उन्हें इस सुविधा के लिए रजिस्टर करना पड़ता है और इसके लिए इंश्योरेंस प्रीमियम भी देना पड़ता है।डिपॉजिट कवर नहीं होने की वजह आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक डिपॉजिट के कवर नहीं होने के पीछे मुख्य वजह यह है कि बैंक DICGC के साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं या वे प्रीमियम नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह यह भी हो सकती है कि अकाउंट होल्डर ने ज्यादा डिपॉजिट रखा हो। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति के अकाउंट में 25 लाख रुपये जमा हैं तब भी अधिकतम कवर 5 लाख रुपये ही होगा और बाकी 20 लाख रुपये पर इंश्योरेंस कवर नहीं होगा।ज्यादातर कोऑपरेटिव और लोकल बैंक होते हैं फेल रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान 5 कोऑपरेटिव बैंक और एक लोकल एरिया बैंक (LAB) फेल हुए। अनऑडिटेड डेटा के मुताबिक DICGC ने 2020-21 के दौरान 993 करोड़ रुपये के दावों को प्रोसेस किया। इसमें से उसने नौ कोऑपरेटिव बैंकों के 564 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया। अप्रैल 2021 में एक कोऑपरेटिव बैंक के मामले में 330 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया गया। लेकिन दावों के निपटारा पर खर्च की गई राशि रिकवरी से कम थी।कितने बैंक हैं डिपॉजिट इंश्योरेंस के दायरे में सभी इंश्योर्ड कमर्शियल बैंक DICGC के डिपॉजिट इंश्योरेंस के दायरे में आते हैं। इसमें सभी LABs, PBs, SFBs, RRBs और co-कोऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2021 तक रजिस्टर्ड इंश्योर्ड बैंकों की संख्या 2058 थी। इसमें 139 कमर्शियल बैंक शामिल हैं जिनमें से 43 रीजनल रूरल बैंक (RRB), 2 लोकल एरिया बैंक (LAB), 6 पेमेंट बैंक (PB) और 10 स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) हैं। इसके अलावा 1919 कोऑपरेटिव बैंक भी रजिस्टर्ड हैं जिनंमें से 34 स्टेट कोऑपरेटिव बैंक, 347 डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक और 1538 अर्बन बैंक हैं।
Source: Navbharat Times May 28, 2021 10:01 UTC