रोज़ी-रोटी का ज़रिया भी है और कंधे पर सच पहुंचाने की ज़िम्मेदारी भी. रिपोर्टर तो बस रिपोर्ट करता है और करना भी चाहिए, लेकिन अभी जो हालात हैं, रोक-टोक उस रिपोर्टिंग पर भी है. जाफराबाद और मौजपुर के बीच दिल्ली धधक रही है, सुलग रही है. मुसीबत से निकलवाने की कोशिश ही कर रहे थे कि हमारी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया. खाकी का खौफ तो अब भी है, पर सड़क पर खाकी हो तो...कल की भीड़ न सुनने को राज़ी थी, न समझने को.
Source: NDTV February 25, 2020 09:11 UTC