असम NRC से ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब - News Summed Up

असम NRC से ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब


असम NRC से ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाबनई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को असम में राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) में लगभग 2000 ट्रांसजेंडरों को बाहर रखने को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और असम सरकार से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने स्वाति बिधान बरुआ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया।एनआरसी प्रक्रिया के दौरान और अंतिम मसौदे के प्रकाशन के बाद के चरणों में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने का हवाला देते हुए, असम की पहली ट्रांसजेंडर जज बरुआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। 31 अगस्त 2019 को एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद इस लिस्ट में 19 लाख लोगों का नाम नहीं था।नागरिकता साबित करने के लिए कई मौके मिलेंगेगृह मंत्रालय ने इस दौरान कहा था कि जिन लोगों के एनआरसी में नाम नहीं है उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कई मौके मिलेंगे। वे विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं। लोगों को खबराने की जरुरत नहीं है। उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा। उनको नागरिकता साबित करने के लिए आगे प्रक्रिया चलाई जाएगी।स्वाति ने याचिका में क्या कहास्वाति ने इस याचिका में दावा किया है कि एक्ट के प्रावधान ट्रांसपर्सन की राज्य-पहचान की असंवैधानिक अवधारणा के तहत बने हैं। यह कानून ट्रांसपर्सन के साथ संदेह के साथ व्यवहार करता है और कानून के कई प्रावधान ऐसे हैं जिनसे प्रतित होता है कि यह ट्रांसपर्सन को बाहर रखने के लिए बनाया गया है। उसने यह भी दावा किया है कि एक्ट पूरी तरह से और अप्रासंगिक रूप से ट्रांसपर्सनस की गरिमा के साथ जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।कौन हैं स्वातिस्वाति ने साल 2012 के बाद एक सर्जरी करवाई और लड़के से लड़की बनगईं और नाम बदलकर स्वाति रख लिया। उन्होंने लॉ की पढ़ाई से पहले बीकॉम की पढ़ाई की थी। वह राज्य में पैसों के लेन-देन से जुड़े मामलों की कोर्ट की जज हैं। असम से पहले महाराष्ट्र और बंगाल में ट्रांसजेडर जज बनाए जा चुके हैं। पश्चिम बंगाल में जॉयता मंडल को साल 2017 में सबसे पहले ट्रांसजेंडर जज बनाया गया।Posted By: Taniskडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran January 27, 2020 08:45 UTC



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