अर्नब गोस्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, भाजपा कार्यकताओं का दिल्ली, मुंबई, भोपाल में प्रदर्शनमहाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की आत्महत्या मामले में गिरफ्तारी को आपातकाल की तरह करार दिया। उन्होंने कहा कि अर्नब की रिहाई तक भाजपा कार्यकर्ता काले बैज या काले कपड़े पहनेंगे।नई दिल्ली/मुंबई, एजेंसी। टीवी न्यूज चैनल के संपादक अर्नब गोस्वामी को मुंबई के नजदीकी जिले रायगढ़ की पुलिस ने बुधवार सुबह आठ बजे उनके मुंबई स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। अर्नब की जमानत पर देर रात तक अलीबाग कोर्ट में सुनवाई हुई। बाद में उन्हें और दो अन्य फिरोज शेख और नितेश शारदा को14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अलीबाग मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा पुलिस हिरासत के लिए कोई आधार नहीं है। कोर्ट के अनुसार, आरोपित और आत्महत्या में कोई संबंध नजर नहीं आता। जज के अनुसार 2019 में बंद हो चुके इस मामले की जांच पुन: शुरू करने के लिए पुलिस ने कोर्ट की अनुमति नहीं ली। अर्नब के वकील गौरव पार्कर ने कहा कि यह हमारी बड़ी जीत है। एमसीआर (मजिस्ट्रियल कस्टडी रिमांड) पहले दिन ही दी जाती है। कोर्ट ने पुलिस हिरासत से इनकार कर दिया और मजिस्ट्रेट की हिरासत दी गई। हमने अपनी जमानत अर्जी दाखिल की है, इसे बहस के लिए रखा गया है। यह कल तय किया जाएगा।जमानत पर पांच घंटे सुनवाईअर्नब को अलीबाग की कोर्ट में शाम साढ़े पांच बजे पेश किया गया। लगभग पांच घंटे चली सुनवाई के बाद भी उन्हें जमानत नहीं मिल सकी। बाद में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। समझा जा रहा है जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। कोर्ट से निकलने के बाद पुलिस वैन में जाते हुए अर्नब पुलिस हार गई, पुलिस हार गई कहते देखे गए। जबकि शाम को कोर्ट में जाते समय वह दो उंगलियों से विक्ट्री का निशान बनाकर अंदर गए थे।वहीं मुंबई पुलिस ने बुधवार शाम को टीवी न्यूज चैनल के संपादक अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी, बेटे और दो अन्य के खिलाफ एक ताजा एफआईआर दर्ज की। उन्होंने गिरफ्तार करने गए पुलिस अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया था। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 353, 504, 506 और 34 के तहत एफआइआर दर्ज की गई।It's a big victory for us. MCR (magisterial custody remand) is granted on the very first day. Police custody refused & magistrate custody granted. We've filed our bail application, it has been kept for arguments. It will be decided tomorrow: Arnab Goswami's lawyer, Gaurav Parker https://t.co/BDLGJvSNK7" rel="nofollow pic.twitter.com/YcDGnmpN7f — ANI (@ANI) November 4, 2020अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में बुधवार को दिल्ली और मुंबई में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी की तुलना आपातकाल से की। वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ता काले बिल्ले या काले कपड़े पहनेंगे, जब तक कि टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को पुलिस द्वारा रिहा नहीं किया जाता है।महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष ने रिपब्लिक टीवी के संपादक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तारी को "आपातकाल की तरह" करार दिया। उन्होंने कहा कि अर्नब की रिहाई तक भाजपा कार्यकर्ता काले बैज या काले कपड़े पहनेंगे। भाजपा नेता ने कहा कि मामला गोस्वामी के खिलाफ था, एक राजनीतिक स्कोर को सुलझाने के लिए फिर से खोल दिया।भाजपा दिल्ली पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ फासीवादी कार्रवाई का विरोध प्रदर्शन किया।भोपाल में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भाजपा कार्यकर्ताओं ने टार्च रैली निकाली।गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। मुंबई पुलिस की एक टीम सुबह अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें पुलिस वैन में बैठाकर अपने साथ ले गई। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ अर्नब गोस्वामी ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस ने उनके, उनकी पत्नी, बेटे और सास-ससुर के साथ हाथापाई की। रिपब्लिक टीवी ने इस पूरे मामले पर बयान जारी कर अपना पक्ष भी रखा है। पुलिस का कहना है कि अर्नब गोस्वामी को 53 साल के एक इंटीरियर डिज़ाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।एडिटर्स गिल्ड और एनबीए ने की गिरफ्तारी की निंदाएडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। दोनों संगठनों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की कि उनके साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया द्वारा आलोचनात्मक रिपोर्टिग के खिलाफ सत्ता की ताकत का इस्तेमाल न किया जाए। एनबीए ने यह भी कहा, यद्यपि एसोसिएशन अर्नब की पत्रकारिता के तरीकों से सहमत नहीं है, फिर भी वह अधिकारियों द्वारा बदले की कार्रवाई की निंदा करती है।डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस
Source: Dainik Jagran November 04, 2020 14:44 UTC