गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अपने फैसले में मामले में मध्यस्थता को मंजूरी दे दी थी और तीन मध्यस्थों की नियुक्ति भी की थी. अखाड़ा ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को पहले भूमि विवाद का फैसला करना चाहिए. अखाड़ा ने ये याचिका केंद्र सरकार की जनवरी की याचिका पर दाखिल की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि वो विवादित भूमि के अलावा अधिग्रहीत की गई जमीन को वापस लौटाना चाहता है. 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद के जिला जज ने जन्मभूमि का ताला खुलवा के पूजा की इजाजत दे दी. 8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बातचीत से सुलझाने का फैसला किया और इसके लिए तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति का गठन कर दिया.
Source: NDTV May 09, 2019 15:02 UTC