अब केरल सरकार ने कहा, सबरीमाला मंदिर को आंदोलन का अखाड़ा नहीं बनने देंगे - News Summed Up

अब केरल सरकार ने कहा, सबरीमाला मंदिर को आंदोलन का अखाड़ा नहीं बनने देंगे


तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर को शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में सभी आयु की महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लेकिन साथ ही केरल की वाममोर्चा सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार वो सबरीमाला मंदिर को आंदोलन का अखाड़ा नहीं बनने देगीकानूनन स्वत: स्टे की तरह रोक लग गईकेरल के कानून मंत्री एके बालन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर के अपने फैसले पर भले ही रोक नहीं लगाई है, लेकिन मामले को सुनवाई के लिए बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। इस तरह कानूनन इस पर स्वत: स्टे की तरह रोक लग गई है। दरअसल, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 14 नवंबर को तीन-दो के बहुमत से मामले को सात सदस्यीय बड़ी पीठ के सामने भेजने का फैसला किया था।सरकार के सामने नई समस्‍याबालन ने पत्रकारों से कहा कि संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकार अदालत के आदेश के मुताबिक ही काम कर सकती है। इस मामले में सरकार के सामने नई समस्या पैदा हो गई है। अगर यह पूछा जाय कि शीर्ष अदालत का 14 नवंबर का फैसले पहले के आदेश पर रोक है तो कानूनन इस पर कोई रोक नहीं है। लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले से 2018 के आदेश पर स्वत: स्टे की तरह रोक लग गई है।दर्शन के लिए प्रोत्‍साहित नहीं करेगी सरकारबता दें कि पिछले साल अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने 10 से 50 आयु वर्ग समेत सभी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसको लेकर बहुत बवाल हुआ था। राज्य की वाम मोर्चा सरकार ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने के इंतजाम किए थे। धार्मिक रूप से प्रतिबंधित उम्र की दो महिलाओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन भी किए थे। केरल सरकार ने इस बार कहा कि वह उन महिलाओं को प्रोत्साहित नहीं करेगी जो प्रचार के लिए दर्शन करने आएंगी। वहीं, केरल के देवस्वोम बोर्ड मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि श्रद्धालु बिना किसी डर के मंदिर आ रहे हैं।तृप्ति देसाई को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की चेतावनीकेरल की प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अंजना ने रविवार को महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह सबरीमाला मंदिर आती हैं तो कल्पना नहीं कर सकती यहां क्या हो सकता है। देसाई ने कहा है कि वह 20 नवंबर को सबरीमाला मंदिर जाएंगी, भले ही उन्हें सुरक्षा मिले या ना मिले। अंजना ने कहा कि देसाई आती हैं तो हम सब उनका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारी परंपराओं के विरोधी हैं। वे सबरीमाला को तीर्थस्थान रहने देने की जगह कमाई का अड्डा बनाना चाहते हैं।कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा : खुशबूचेन्नई। कांग्रेस नेता खुशबू ने रविवार को कहा कि हम सभी को सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा। खुशबू ने कहा, 'हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना होगा। संविधान पीठ ने मामले को सात जजों की पीठ में भेज दिया है। हमें अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा।'कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें सोचना होगा, हड़बड़ी नहीं करनी होगी। इससे इन्कार नहीं किया जा सकता कि यह वर्षो से चली आ रही आस्था और विश्वास का मामला है। लेकिन दूसरी तरफ किसी को उसके अधिकारों से भी वंचित नहीं किया जा सकता है।Posted By: Arun Kumar Singhअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Source: Dainik Jagran November 17, 2019 13:29 UTC



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