2014 में चुनाव के अलगे दिन काबुल से यात्रा पर निकले सफीउल्लाह सफी को तालिबान के खिलाफ जाने की सजा मिली थीपांच साल फिर वोट डालने के बाद सफी ने कहा- देश की बात आती है तो मैं पूरा हाथ कटाकर भी नहीं बैठूंगाDainik Bhaskar Sep 30, 2019, 09:01 AM ISTकाबुल. अफगानिस्तान में तालिबान ने 2014 में मतदान करने पर सफीउल्लाह सफी के दाएं हाथ की अंगुली काट दी थी। उसने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया और बाएं हाथ की उंगली में वोटिंग इंक लगवा कर चुनाव में हिस्सा लिया। सफी ने कहा- 'मुझे पता है कि यह एक दर्दनाक अनुभव था, लेकिन यह केवल एक अंगुली थी। जब मेरे बच्चों और देश के भविष्य की बात आती है तो मैं अपना पूरा हाथ कटाकर भी नहीं बैठूंगा।'सफी ने कहा- 2014 में मैंने वोट डाला था। इसके एक दिन बाद राजधानी काबुल से यात्रा की। मेरी अंगुली पर वोटिंग की स्याही लगी थी। इस बीच तालिबान ने मुझे कार से निकाला और सड़क से दूर ले गए, जहां उन्होंने अपनी अदालत लगाई। उन्होंने यह कहते हुए मेरी अंगुली काट दी कि मैंने उनकी चेतावनी के बावजूद चुनाव में हिस्सा लिया। इस बार परिवार के मना करने के बाद भी मैं मतदान में शामिल हुआ।चुनाव के दौरान करीब 68 हमले हुएअफगानिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव के दौरान हुए विस्फोटों में पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि 37 लोग घायल हुए। रक्षा मंत्री असदुल्ला खालिद ने बताया कि दुश्मनों ने देश भर में चुनाव के खिलाफ 68 हमले किए हैं, लेकिन सुरक्षा बलों ने ज्यादातर को विफल कर दिया।
Source: Dainik Bhaskar September 30, 2019 02:08 UTC