जोधपुर। राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ (रेस्टा) की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के नहीं होने पर स्टाफ ऑफिसर रमेश हर्ष को संघ की ओर से तीन सूत्री मांग पत्र निदेशक के नाम सौंपा गया।संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद ने बताया कि राज्य सरकार ने सत्र 2013-14 में 1086 एवं सत्र 2014-15 में 5 हजार माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया था। इन विद्यालयों में पदों का निर्धारण शिक्षा विभाग (ग्रुप -1) के दिनांक 30 अप्रैल 2015 के आदेशानुसार इन विद्यालयों में अनिवार्य विषयों हिंदी एवं अंग्रेजी व्याख्याता पदों का निर्धारण नियम 6.1 के अनुसार नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम वर्ष केवल मुख्य विषयों के पद देय होंगे ओर अनिवार्य विषयों का अध्यापन कार्य वरिष्ठ शिक्षक ही करवाएंगे। नियम 6.2 के अनुसार इन विद्यालयों में तृतीय वर्ष कक्षा 11 एवं 12 वी नामांकन 80 से अधिक होने पर अनिवार्य विषय के व्याख्याता के पद दिए जाएंगे। स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार इन विद्यालयों में अब तक अनिवार्य विषयों के व्याख्याता के पद मंजूर हो जाने चाहिये लेकिन इन स्कूलों में अध्यापन कार्य वरिष्ठ अध्यापक ही करवा रहे है और परिणाम भी श्रेष्ठ दे रहे है। प्रदेश सभाध्यक्ष टोडाराम गोलिया ने बताया कि संघ पिछले लंबे समय से इस मांग को लेकर आंदोलनरत है लेकिन मांग पूरी नहीं होने से राज्य के वरिष्ठ अध्यापकों में रोष व्याप्त है। संघ की ओर से अंतर मंडल ट्रांसफर होने पर वरिष्ठता विलोपन नहीं होने एवं अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष बजरंग लॉयल, श्यामसुंदर विश्नोई, ओंकरसिंह भाटी, मोहसिन खान आदि मौजूद रहे।
Source: Dainik Bhaskar July 18, 2019 09:00 UTC