अखिलेश यादव ने किया नागरिकता सत्याग्रह आंदोलन चलाने का एलान, कहा-नहीं भरेंगे एनपीआर फार्म - News Summed Up

अखिलेश यादव ने किया नागरिकता सत्याग्रह आंदोलन चलाने का एलान, कहा-नहीं भरेंगे एनपीआर फार्म


लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता सत्याग्रह चलाने की घोषणा करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का फार्म नहीं भरने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की तरह भाजपा लोगों को फिर लाइन में लगाने की तैयारी कर रही है। इसका विरोध किया जाएगा।विधानमंडल दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा किसी को चैन से न बैठने देने का इरादा बनाए हुए है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) ये सभी जनता को धोखा देने के लिए हैं। नौजवानों को तो रोजगार चाहिए। भाजपा ने प्रदेश को तबाह करने का पाप किया है। हम न तिरंगे का रंग बदलने देंगे, और न ही एनपीआर फार्म भरेंगे। इसकी जगह नागरिकता-सत्याग्रह का मार्ग अपनाएंगे। यादव ने कहा कि भाजपा की ठोक देंगे, बदला लेंगे की नीतियों के चलते प्रदेश में निर्दोष नागरिक पुलिसिया जुल्म के शिकार हो रहे हैं। इंटरनेट सेवा को बंद कर देना अलोकतांत्रिक है।सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ले दे-कर शौचालय पर अटकी है। जो शौचालय बने हैं, उनमें पानी नहीं इसलिए उनका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। गरीबों के लिए न अलाव जलवाए गए हैं और न ही पर्याप्त रैन बसेरे हैं। कुछ जगह दिखाने के लिए कंबल बांटे गए, बाद में उन्हें भी छीन लिए गए। भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ समाजवादी पार्टी निर्णायक संघर्ष कर रही है। प्रदेश की जनता भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है। भाजपा ने सबको भ्रमित करके अंधेरी सुरंग में फंसा दिया है। सपा ही प्रदेश में वैचारिक विकल्प है।इससे पहले सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गांधीजी के सत्याग्रह की तर्ज पर नागरिकता सत्याग्रह चलाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी के बाद एनआरसी, सीएए और एनपीआर जैसे फैसलों से देश में हिंसा व अराजकता बढ़ी है। इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। इसके विरोध में नागरिकता सत्याग्रह का एलान करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जनता बदलाव का मन बनाए बैठी है।अखिलेश ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 1895 में इमीग्रेशन लॉ संशोधन बिल में भी तमाम प्रतिबंध थे। जिसे खूनी कानून बताते हुए गांधीजी ने सत्याग्रह पैसिव रेजिस्टेंस अभियान छेड़ दिया था। गांधी ने एक सभा में कहा था कि मर जाना किंतु कानून के सामने सिर न झुकाना।Posted By: Umesh Tiwariडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस


Source: Dainik Jagran December 31, 2019 15:06 UTC



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